नीमच - निर्जला एकादशी के उपलक्ष्य में नीमच खाटू श्याम मंदिर पर भव्य आयोजन मंदिर परिसर को आम के पत्ते व आमों से सजाया गया नीमच नरेश का आकर्षक श्रृंगार किया संध्या को 7 बजे बाबा की भव्य महाआरती की जाएगी व भव्य ताली कीर्तन से बाबा रिंझाया जायेगा आरती के पश्चात बाबा का महाभोग आम रस भक्तो में वितरित किया जायेगा सुबह से ही मंदिर में श्रदालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है सभी भक्त नीमच नरेश के अलौकिक श्रृंगार का दर्शन लाभ ले रहे हे
क्या आप जानते हैं कि निर्जला एकादशी ही एकमात्र ऐसा व्रत है, जिसे रखने से सालभर की सभी 24 एकादशियों का पुण्य एक साथ मिल जाता है? ये व्रत खास उन लोगों के लिए आदर्श माना गया है जो हर एकादशी नहीं रख पाते लेकिन पुण्य का लाभ लेना चाहते हैं। यही वजह है कि इसे ‘भीम एकादशी’ भी कहा जाता है।
इस दिन न सिर्फ अन्न, फल, बल्कि जल तक त्याग दिया जाता है। इसलिए इसे सबसे कठिन और तपस्वी व्रतों में गिना जाता है। निर्जला एकादशी शरीर, मन और आत्मा, तीनों की परीक्षा है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।