नीमच।जिला मुख्यालय नीमच स्थित मध्यप्रदेश का अग्रणी नेत्र चिकित्सालय गोमाबाई नेत्रालय के सिद्धहस्त नेत्र विशेषज्ञों ने अपने कौशल से यहां से कोई 350 किलोमीटर फासले पर स्थित राजस्थान के बारां जिले के ग्राम मोतीपूरा के रहवासी गुर्जर परिवार की पांच वर्षीय बालिका तनुजा के चेहरे पर सालों पहले खोई हुई आत्मविश्वास भरी मुस्कान फिर से लौटने में सफलता प्राप्त की हैं। लगभग 19 माह पहले अप्रैल 2024 खेलते समय पांच वर्षीय बालिका तनुजा गुर्जर की बायीं आंख में लोहे की रॉड से गम्भीर चोंट लगने से आंख क्षतिग्रस्त हो गई और उपचार से आंख को बचाना सम्भव नहीं हो पाया।इस दुर्घटना के दुष्प्रभाव से बालिका ने केवल आंख की रोशनी ही नहीं खोई बल्कि उसके चेहरे से स्वाभाविक मुस्कान,सहजता और आत्मविश्वास भी खो सा गया। मायूस बच्ची की मानसिक पीड़ा,उदासी और निराशा से परिवारजन भी गहरे सदमे और चिंता में थे। गांव और आसपास के दायरे में सीमित चिकित्सा सुविधाओं के कारण परिवार बच्ची के बेहतर इलाज की तलाश में नीमच के गोमाबाई नेत्रालय पहुंचा। अस्पताल के विशेषज्ञों ने अपने कौशल से सम्पूर्ण जांच के बाद बच्ची तनुजा की आंख में कस्टमाइज्ड आर्टिफिशियल प्रोस्थेटिक आई सफलतापूर्वक प्रतिस्थापित की। प्रक्रिया के तहत पहले आंख के सॉकेट की सटीक इम्प्रेशन ली गई, फिर बच्ची के चेहरे और पलक की प्राकृतिक मूवमेंट के अनुसार प्रोस्थेसिस का आकार बनाया गया। इस सफलता के बाद बालिका तनुजा के चेहरे पर दोनों आंखे समान रूप से प्राकृतिक प्रतीत होने लगी और इससे मासूम बच्ची में घर कर गई हीनभावना पूरी तरह समाप्त हो गई। अब वह अन्य बच्चों के साथ सामान्य रूप से खेलती और स्कूल जाने के लिए उत्साहित रहती है।” बच्ची के जीवन में लौटी सहज खुशियों से उसका पूरा परिवार प्रसन्न हैं।तनुजा के पिता जी ने भावुक होकर कहा,“गोमाबाई नेत्रालय में उपचार के श्रेष्ठ और किफायती प्रबन्ध हैं और यहां डॉक्टर और पूरा स्टाफ कार्य कुशल एवं सहयोगी हैं। हमारी बच्ची के सफल उपचार के लिए हम नेत्रालय प्रबन्धन का दिल से आभार व्यक्त करते हैं।