नीमच - नगरपालिका नीमच के सीएमओ मनमानी, हठधर्मिता और अपने कारनामों के कारण आये दिन विवादों में घिरते रहे हैं। मनासा नगरपरिषद से उन्हें ऐसी ही शिकायतों के चलते रवाना किया गया था। अब नीमच में भी उन्हें दूसरी बार निलंबन झेलना पड़ रहा है। जबकि उनकी सेवानिवृत्त भी नजदीक है। अनियमितताओं के कारण बीते दिनों उन्हें कुर्सी से हटाया गया था। सीएमओ का चार्ज जमनालाल पाटीदार को दिया गया था। चर्चा थी कि रिटायरमेंट के पहले जून में महेंद्र वशिष्ठ फिर चार्ज लेंगे लेकिन नगरीय प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त के आदेश ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। सीएमओ वशिष्ठ के खिलाफ पहले से भी कई शिकायतें मुख्यालय पर जांच में थी। इस बीच नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा सीएमओ के खिलाफ तथ्यात्मक शिकायते की गई। शिकायत भी एक नहीं कई एकत्रित हो गई। जिनमें शासन की महत्वाकांक्षी योजना अमृत 2.0 में भारी लेटलतीफी और अनियमितता, प्रशासन द्वारा टाइम लिमिट की बैठक में दिए गए कार्यों को गंभीरता से न लेना, नियमों के विरुद्ध भूमि आवंटन, भूखंड विक्रय जैसी गतिविधियों में लिप्त, लीज नवीनीकरण नामांतरण के प्रकरणों को उलझाना, राजराजेश्वरी संस्था को महिलाओं के भूखंड आवंटन के नाम पर पार्षदों को भ्रमित करना उन्हें प्रलोभन देना, असंगत तरीके से विशेष सम्मेलन आहूत करना, मनमानी से एजेंडा बनाना, बार बार ऐसे विषयों पर विशेष सम्मेलन का दबाव बनाना जैसी गंभीर शिकायतें शामिल हैं। इसके अलावा प्रदेश के राज्यपाल के दौरे को लेकर दी गई जिम्मेदारी में भी लापरवाही बरती, शासन की प्राथमिकता वाले कार्य खासकर सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई के मामलों को लेकर सीएमओ वशिष्ठ ने भरपूर लापरवाही बरती इधर नीमच के महत्वपूर्ण बंगला बगीचा मामले पर शासन के और प्रशासन के दिशा निर्देशों को कभी गंभीरता से नही लियाम लोग आज तक परेशान हो रहे हैं। इन तमाम अनियमितताओं के चलते अपर आयुक्त कैलाश वानखेड़े ने सीएमओ वशिष्ठ को निलंबित कर उज्जैन संभागीय कार्यालय अटैच कर दिया है।