प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को साकार कर रही है, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना। जिससे शहरी ही नही ग्रामीण क्षेत्रों के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को अपने हुनर में नई नई तकनीक और व्यवसायिक प्रशिक्षण सुविधा के साथ ही आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है।
देश एवं प्रदेश में कारीगरों और शिल्पकारों में हुनर की कोई कमी नही है, ऐसे में परंपरागत हुनरमंदों को बढ़ावा दे रही है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना। इस स्कीम की शुरुआत खासतौर पर देश के गरीब कारीगरों और शिल्पकारों को विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ने के लिए की गई है।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने 17 दिसंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की थी। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत बेरोजगार लोगों को प्रशिक्षण एवं ऋण के माध्यम से रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना में सरकार द्वारा बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, नाई, मोची, मूर्तिकार, खिलौना निर्माता आदि परम्परागत रोजगार से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता और कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
नीमच जिले के शहरी ही नही ग्रामीण अंचलके युवाओं को भी इस योजना का सीधा सीधा लाभ मिल रहा है। पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़कर जिले भर के सैकड़ो युवाओं को एक लाख रुपए तक का ऋण एवं प्रशिक्षण मिल चुका है। ये युवा कर रहे प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद।
नीमच जिले के जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजनान्तर्गत शहरी ही नही ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को जैसे राजमिस्त्री, कारपेन्टर, नाई, कुम्हार, लोहार, सुनार आदि पारम्परिक काम करने वाले युवाओं के लिए केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना काफी अच्छी है। इस योजना से युवाओं को पहले 07 दिवस की प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान 500/- रू. प्रतिदिन मानदेय दिया जाता है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर 15000/- रू. के टूलकीट भी प्रदान किए जाते है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत एक लाख रूपये तक का ऋण भी बैंको द्वारा दिया जाता है, जिससे संबंधित अपना व्यापार आगे बढा सके। इस योजना के तहत नीमच जिले में कुल 34052 आवेदन प्राप्त हुए है, जिसमें ग्रामीण व शहरी आवेदक सम्मिलित है। राज्य स्तर से कुल 5119 आवेदन स्वीकृत हुए है। स्वीकृत आवेदनों मे से 1296 हितग्राहियों को ऋण भी बैंको के माध्यम से स्वीकृत किए गये है, जिसकी कुल राशि 10 करोड़ 80 लाख है।
नीमच जिले के पालसोड़ा गांव के सैलून संचालक समरथ सेन ने बताया कि मैंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अंतर्गत आवेदन किया था जिसमे मुझे प्रशिक्षण मिला। इस योजना से बैंक से एकलाख रुपए का ऋण भी प्राप्त हुआ। ऋण राशि से सैलून का समान लाए, जिससे कार्य में बढ़ोतरी हुई। यह योजना आगे भी चालू रहना चाहिए, जिससे और भी जो युवा है उनको लाभ हो सके। मोदी जी को इस योजना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
नीमच जिले के ही धनेरियाकला गांव के रहने वाले प्रकाश चंद्र सुथार ने बताया कि मैं फर्नीचर का काम करता हूँ। मैं सबसे पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि जिन्होंने हम जैसे युवाओं के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना चालू की है। इसमें मैंने भी इस योजना का लाभ लिया है। इसमें मेरी ट्रेनिंग भी हुई, इस ट्रेनिंग के बाद बैंक से एकलाख रुपए का ऋण मिला, जो रोजगार बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो रहा हैं।
नीमच जिले के पालसोड़ा के रहने वाले सैलून संचालक राजेश सेन ने बताया कि मैं पहले यहां छोटी सी दुकान चलाता था। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू हुई मेरा भी उस योजना में नाम आया था मुझे भी ट्रेनिंग मिली ट्रेनिंग के मुझे 4000 रुपए भी मिले, एकलाख रुपए का ऋण प्राप्त हुआ है। उस लोन से मैंने दुकान खरीदी है। इसको अच्छा किया है, कांच के गेट लगाए, पानी की टंकी लगाई, नई चेयर वगैरह सब नया किया और नया सामान लाया। ट्रेनिंग में मुझे आधुनिक तरीके से पार्लर का काम करना, कटिंग कैसे बनाते है, शेविंग कैसे बनाते है बहुत सारा काम सिखाया गया। इस योजना की वजह से मैं अच्छा काम कर पा रहा हूँ। आज मैं और मेरा परिवार खुश है अच्छा काम चल रहा है। मैं प्रधानमंत्री मोदी जी का दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने पूरे देश भर में हम जैसे भाइयों के जो छोटी दुकान चलाते थे, आज प्रधानमंत्री जी ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है, उन्हें एक-एक लाख रुपए तक का ऋण दिलाया है।