KHABAR: सरकार खरीदेगी 3.51 मीट्रिक टन मूंग, केन्द्र ने दी मंजूरी, शिवराज बोले- खरीद व्यवस्था ठीक हो, ताकि बिचौलियों की सक्रियता कम हो, पढ़े खबर

MP 44 NEWS June 24, 2025, 7:50 pm Technology

भोपाल - मध्यप्रदेश में मूंग खरीदी शुरू न होने से किसान आंदोलित थे। कांग्रेस भी इस मामले में लगातार सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए थी। अब केन्द्र सरकार ने मप्र में 3 लाख 51 हजार मीट्रिक टन मूंग खरीदी की मंजूरी दी है। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मूंग, उड़द की मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीद करने की बात कही है। शिवराज ने एमपी और यूपी के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर खरीदी के मामले पर चर्चा की। बैठक में मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। शिवराज ने खरीद से संबंधित व्यवस्थाओं को लेकर राज्य के कृषि मंत्रियों और नेफेड, एनसीसीएफ व राज्य के संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। पीएसएस योजना से होगी मूंग-उड़द की खरीद मध्य प्रदेश के लिए राज्य सरकार से मिले प्रस्ताव पर केन्द्रीय कृषि मंत्रालय और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के साथ बैठक के बाद मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत मप्र में ग्रीष्मकालीन मूंग, ग्रीष्मकालीन उड़द खरीद करने की मंजूरी प्रदान की है। मूंग खरीदी से केन्द्र पर आएगा बड़ा वित्तीय भार शिवराज सिंह ने बैठक में कहा कि मूंग और उड़द की खरीद के फैसले से केंद्र सरकार को बड़ा वित्तीय भार वहन करना पड़ेगा, लेकिन बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान हित में सरकार किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह बोले- खरीद सही तरीके से हो शिवराज ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि खरीद सही तरीके से हो। किसानों से सीधे खरीद से ही बिचौलियों की सक्रियता कम होगी और लाभ सही मायनों में किसान तक पहुंच पाएगा। अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिकतम व कारगर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ किसानों के पंजीकरण की उचित व्यवस्थाएं की जाएं। आवश्यकता हो तो खरीद केंद्रों की संख्या में भी इजाफा करें व उचित और पारदर्शी व्यवस्था के साथ खरीद सुनिश्चित करें। भंडारण को लेकर मिली शिकायतों पर चिंता जताई शिवराज सिंह चौहान ने भंडारण को लेकर मिल रही अनियमितताओं की शिकायत को लेकर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों व कृषि मंत्रियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के प्रयास करने की बात कही। शिवराज सिंह ने उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री से कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हित में हरसंभव काम करेगी। दिग्विजय सिंह ने लिखा लेटर- मूंग खरीदी सही प्रक्रिया से हो आज सुबह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर मूंग खरीदी की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू करने की मांग की है। दिग्विजय ने अपने पत्र में लिखा- मैंने 12 मई को पत्र लिखकर आपको पहले अवगत कराया था कि मप्र में इस साल (2025) में करीब साढे़ 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की बुवाई की गई है। मप्र में 20-21 लाख टन मूंग उत्पादन की संभावना बताई गई थी। राज्य की तरफ से केंद्र को खरीदी करने के लिए प्रस्ताव भेजने, गिरदावरी और पंजीयन करने और खरीदी की व्यवस्था में सुधार का उल्लेख किया था, इसके बावजूद राज्य सरकार के एपीसी द्वारा मूंग में वीडिसाइड पाए जाने का हवाला देते हुए MSP पर खरीदी से इनकार किया गया, जो कि न केवल अव्यावहारिक था, बल्कि किसानों के हितों के प्रतिकूल भी था। इसके कारण बाजार में मूंग के दामों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। दिग्विजय ने आगे लिखा- इस असंवेदनशील निर्णय के खिलाफ 32 से ज्यादा मूंग उत्पादक जिलों के किसान, किसान संगठन एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किया गया, जिसके बाद अंततः राज्य सरकार द्वारा मूंग की MSP पर खरीदी की घोषणा की गई। मैं इस फैसले का स्वागत करते खरीदी प्रक्रिया को लेकर सुझाव दे रहा हूं। दिग्गी के सरकार को सुझाव उपार्जन की स्पष्टता: राज्य सरकार द्वारा प्रेसवार्ता में यह कहा गया कि पूर्व घोषित 25% के स्थान पर अब 40% उपज की खरीदी की जाएगी। लेकिन, अब तक न तो इस संबंध में किसी आधिकारिक आदेश की प्रति सार्वजनिक की गई है, न ही केंद्र सरकार से अनुमोदित कुल उपार्जन सीमा के बारे में स्पष्टता दी गई है। कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रति एकड़ कितनी उपज की खरीदी की जाएगी। न्यायोचित आर्थिक सहायता: जिन किसानों को मूंग को बाजार में कम दर पर बेचने को विवश होना पड़ा, उन्हें मंडी के आंकड़ों के आधार पर आर्थिक अंतर भरपाई प्रदान की जाए। पंजीयन पोर्टल की तकनीकी समस्याएं: पंजीयन पोर्टल बार-बार ठप हो रहा है। जिससे किसान पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं। सर्वर को तत्काल दुरुस्त किया जाए और अतिरिक्त आईटी संसाधनों की व्यवस्था की जाए। गिरदावरी न होने की स्थिति में व्यवस्था: जिन किसानों की गिरदावरी नहीं हुई है या जिनके खसरे पंजीयन पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहे, उनके लिए संबंधित पटवारियों को अधिकृत कर तुरंत सुधार एवं पंजीयन की अनुमति दी जाए। पूर्ण मात्रा की एकमुश्त खरीदी: किसानों की उपज को निर्धारित सीमा तक एक बार में खरीदा जाए, बार-बार बुलाए जाने से किसानों को परिवहन और समय की दोहरी क्षति होती है। गुणवत्ता जांच में पारदर्शिता: योग्य, प्रशिक्षित एवं निष्पक्ष सर्वेयरों की नियुक्ति की जाए ताकि उपज की गुणवत्ता जांच पारदर्शी हो और अतीत की तरह किसानों का शोषण न हो। तुलाई व्यवस्था में सुधार: खरीद केंद्रों पर तुलाई के लिए लंबी प्रतीक्षा पंक्तियां न लगें, इसके लिए समुचित मानव संसाधन एवं मशीनीकरण की व्यवस्था की जाए। बिक्री केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं: बरसात के मौसम को देखते हुए, खरीदी केंद्रों पर किसानों के बैठने, ठहरने एवं उपज को सुरक्षित रखने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। खरीदी केंद्रों की संख्या में वृद्धि: किसानों की सुविधा के लिए खरीदी केंद्रों की संख्या को यथासंभव बढ़ाया जाए ताकि क्षेत्रीय भीड़-भाड़ कम हो और समयबद्ध खरीदी सुनिश्चित हो सके।

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