नीमच - भारतीय जनता पार्टी द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई प्रेस वार्ता उस समय विवादों में आ गई जब पत्रकारों ने आयोजन में अव्यवस्था और समय की अनदेखी पर सामूहिक रूप से वार्ता और सहभोज का बहिष्कार कर दिया।
प्रेस वार्ता का समय दोपहर 1:30 बजे निर्धारित था, लेकिन मौके पर पहुंचे पत्रकारों को पौन घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। न तो डिप्टी सीएम समय पर पहुंचे और न ही पत्रकारों के लिए बैठने जैसी बुनियादी व्यवस्था थी। कार्यक्रम स्थल पर पहले से चल रहे समारोह के बीच पत्रकारों की उपेक्षा होती रही, जिससे असंतुष्ट होकर सभी पत्रकारों ने प्रेस वार्ता से हटने का निर्णय लिया।
यह पहली बार नहीं है जब पत्रकारों को इस तरह की अनदेखी का सामना करना पड़ा हो। पूर्व में भी कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल के आगमन पर पत्रकारों को टाउन हॉल में एक घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा था। लगातार हो रही इस उपेक्षा और समय की अवहेलना को लेकर पत्रकारों ने एकजुटता का परिचय देते हुए इस बार सख्त रुख अपनाया।
प्रेस वार्ता के बहिष्कार के बाद कई भाजपा पदाधिकारी पत्रकारों को मनाने पहुंचे, लेकिन पत्रकारों ने साफ कह दिया कि भविष्य में यदि इस तरह की घटनाएं दोहराई गईं तो और भी कठोर निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रेस को सम्मान देने का मतलब है समय, व्यवस्था और गरिमा का ध्यान रखना।