नीमच - राजस्थान के टोंक जिला क्षेत्र के ग्राम देवली निवासी बीस वर्षीय युवक कान्हा राम बैरवा की दस वर्ष पूर्व चोंट से क्षतिग्रस्त आंख का प्रदेश के अग्रणी नेत्र चिकित्सालय गोमाबाई नेत्रालय के प्रोस्थेटिक विशेषज्ञ चिकित्सक ने सफल ऑपरेशन कर प्रोस्थेटिक आंख प्रत्यारोपित कर रोगी को असहजता से मुक्ति दिलाई हैं ।
-- नेत्रालय प्रबन्धन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ,बीस वर्षीय कान्हा राम को 10 साल पहले एक आँख में चोंट लगने के कारण एक आँख की दृष्टि नष्ट हो गई थी । असावधानी के चलते प्रभावित आंख की पलके भी चिपक गई जिससे चेहरे का स्वरूप भी बिगड़ा और युवक इस स्थिति को लेकर सालों से बहुत असहजता महसूस कर रहा था ।
अनेक नेत्र चिकित्सालयों में परीक्षण किया गया लेकिन संतोषजनक निदान नहीं हो पाया । कुछ समय पूर्व गोमाबाई नेत्रालय नीमच के बारे में जानकारी मिलने पर उनके परिजन नेत्रालय लेकर आये थे । नेत्रालय से सम्बद्ध प्रोस्थेटिक विशेषज्ञ चिकित्सक ने उनके नेत्र का सूक्ष्म परीक्षण कर कहा कि क्षतिग्रस्त आंख की रोशनी लौटना तो संभव नहीं है लेकिन प्रोस्थेटिक आई प्रत्यारोपित कर स्वरूप स्वाभाविक किया जा सकता हैं जिससे हीनभावना से मुक्ति मिलेगी ।
परिवार और रोगी की सहमति के बाद पहले युवक की चिपकी हुई पलकों को अलग कर उपयुक्त जगह बनाई गई और रोगी की क्षतिग्रस्त आँख की जगह प्रोस्थेटिक आई
( नकली आंख ) प्रत्यारोपित की गई हैं । यह प्रत्यारोपित आँख बिल्कुल प्राकृतिक आँख की तरह ही दिखती एवं मूवमेंट करती हैं ।
सालों से परेशानी , असहजता की पीड़ा झेल रहे कान्हा राम अब पूरी तरह सहज एवं सामान्य हैं और मानसिक तकलीफ से मुक्ति पाकर उन्होने प्रसन्नता व्यक्त की है । कान्हा राम का कहना है कृत्रिम नेत्र लगने के बाद मुझे ऐसा लगा मानो मैंने अपनी खोई हुई पहचान फिर से पा ली हो। अब मैं लोगों से बिना झिझक के खुलकर बात कर सकता हूं। ऑपरेशन के बाद आंख स्वाभाविक रूप से असली जैसी ही लग रही है एवं निराशा से मुक्ति मिली है ।
स्वस्थ्य हुए कान्हा राम का कहना हैं कि गोमाबाई नेत्रालय में उपचार और रोगी की देखभाल के बहुत अच्छे प्रबन्ध है और उच्च स्तरीय सेवाओं के लिहाज से उपचार भी बहुत भी सस्ता है । उन्होंने नेत्रालय प्रबन्ध के प्रति आभार जताया है ।