आदिवासी गांव ग्राम खकरापुरा, डांगपुरा गांव में लगभग 50 एकड़ जमीन पर खेती कर लगभग 57 परिवार अपना गुजर बसर लगभग 30 साल से करते रहे और उनके पास 24 साल का प्रमाण भी है जिसको लेकर आज 08/ अप्रैल/25 को सुबह 6 बजे वन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारी असंवैधानिक रूप से उनकी जमीन को लगभग 500 पुलिस फोर्स एवं विभागीय अधिकारी के साथ मिलकर बिना नोटिस के काबिज जमीन को हटा कर विस्थापित ग्राम को देने का कार्य कर रही है जब ग्रामवासियों ने मिलकर विरोध किया तो उनके ऊपर लाठी डंडा बरसा दिया ओर 15 से 20 लोगों को गाड़ी में भरकर उन्हे गांव से दूर ले जाया गया ताकि संगठित व्यक्तियों के आत्मशक्ति ओर संगठन कमजोर किया जा सके जबकि शासन प्रशासन , राजस्व विभाग, वन विभाग को ग्राम की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के ग्राम सभा के द्वारा आदेश लेटर से सूचना भी दिया गया था कि यह हमारी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के ग्राम सभा के अन्तर्गत आती है। लेकिन शासन प्रशासन ने विधि का उल्लंघन किया जिसको लेकर अखिल भारतीय वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथ भाटी के नेतृत्व में एक ज्ञापन प्रदेश के मुखिया यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम से उप मुख्यमंत्री जगदीश जी देवड़ा को सोपा जिसमें वन विभाग व पुलिस प्रशासन के अमले द्वारा जबरन बलपूर्वक गरीब आदिवासियों के झोपड़ी उजाड़ बेघर करने पर उचित न्याय की मांग करते हुए उन सभी बेघर परिवारों को पुनः विस्थापित करने की मांग की है !
इस अवसर अखिल भारतीय वनवासी कृषि ग्रामीण मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथ भाटी, जिला अध्यक्ष लक्ष्मण लोबे एवं कहीं ग्रामीण जन उपस्थित रहे !