KHABAR : आंदोलन पर विपरीत प्रभाव डालने तथाकथित धनसिंह वर्मा ने की झूठी शिकायत, वकीलों में आक्रोश,पढ़े खबर

MP44 NEWS April 15, 2025, 6:20 pm Technology

नीमच। नवीन न्यायालय परिसर में पक्षकार और वकीलों के बैठने की उचित व्यवस्था और मूलभूमत सुविधाओं की पूर्ति करने की मांग को लेकर जिला अभिभाषक संघ के बैनर तले वकीलों का आंदोलन लगातारी जारी है। जिसके निराकरण होने तक वे चरणबद्ध तरीके से रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रहे है। कलेक्टोरेट के पास 34 करोड़ की लागत से बनी नए कोर्ट भवन के बाहर वकीलों बीते 15 दिनों से आंदोलनरत है। जहां रोजाना सुबह से शाम तक बैठ अपना विरोध प्रकट कर रहे है। आम पक्षकार व अधिवक्ता वर्ग से जुड़ी जायज मांगों लेकर जिला अभिभाषक संघ की साधारण सभा द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर उनका यह चरणबद्ध आंदोलन गत 1 अप्रैल से शुरू होकर अब तक जारी है। इस आंदोलन को कमजोर व तोड़ने के लिए अब कुछ विद्रोही व षडयंत्रकारी लोग सक्रिय हो गए है। जिनके द्वारा कई तरह के प्रयास और झूठी शिकायत प्रशासन व न्यायिक अधिकारियों को की जाने लगी है। वह वकीलों में भी फूट डालने व उनकी एकता को तोड़ने की कोशिश में जुट गए है। जिससे वकीलों में कड़ा आक्रोश है। हाल ही में संघ के अधिवक्ताओं के सामने आई तथाकथित धनसिंह वर्मा की शिकायत को लेकर जिला अभिभाषक संघ द्वारा असत्य व निराधार बताया है। जिसकी विस्तृत जांच और उचित कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को दोपहर 4 बजे धरना स्थल पर बड़ी संख्या में वकील एकत्रित होकर एसपी कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने एसपी के नाम एक ज्ञापन कैंट थाना प्रभारी पुष्पा चौहान को सौंपा। ज्ञापन का वाचन एडवोकेट अमित शर्मा ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में वकील मौजूद थे। संघ अध्यक्ष मनीष जोशी पर लगाए आरोप, कोर्ट परिसर में घुसने नहीं दिया- जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष मनीष जोशी ने बताया कि नए कोर्ट परिसर में पक्षकार व चकीलों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था और मूलभूत सुविधाओं को लेकर संघ की बैठक में सर्वानुमति से लिए निर्णय के आधार पर 1 अप्रैल से आंदोलन किया जा रहा है। इस दौरान सर्वविदित है संघ के सभी सदस्य कार्य से पूरी तरह विरत है। नए कोर्ट परिसर में कोई भी व्यक्ति टाईपिस्ट, स्टांप वेंडर, नोटरी व वकील किसी भी प्रकार से कार्य नहीं कर रहे है न ही प्रवेश रहे है। फिर भी धनसिंह पिता हरिसिंह वर्मा निवासी मकान नंबर 117 हुडको कॉलोनी नीमच द्वारा गत 9 अप्रैल 2025 को एक असत्य आरोप संघ अध्यक्ष मनीष जोशी पर लगाते हुए चीफ जस्टीस मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर, रजिस्ट्रार जनरल मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीमच के नाम की गई है। जिसमें जोशी पर आरोप लगाए कि उन्होंने नवीन न्यायालय परिसर में प्रवेश करने से रोका और गाली गलौच कर धमकाया गया। जिसको लेकर संघ के माध्यम से सभी वकीलों ने झूइा व मनगढत बताया है। वकीलों ने धनसिंह वर्मा की शिकायत इसलिए बताई असत्य- वकीलों द्वारा दिए गए ज्ञापन में स्पष्ट किया गया हैं कि संघ का आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और गांधीवादी तरीके से चल रहा है। इसलिए धनसिंह वर्मा की उक्त शिकायत विद्वेषपूर्ण है। क्योंकि नवीन कोर्ट परिसर में दो मुख्य गेट नंबर 1 व 2 है। जिसमें गेट 2 न्यायाधीशों के लिए आरक्षित है और गेट नंबर 1 अधिवक्ता, पक्षकार व न्यायिक कर्मचारी व आंगतुकों के लिए है। जहां सीसीटीवी कैमरे के साथ सुरक्षा गार्ड का कक्ष भी बना है। जहां 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते है। जिनके माध्यम से उक्त घटनाक्रम की जांच की जा सकती है। उक्त दिनांक को धनसिंह वर्मा और संघ अध्यक्ष जोशी के मोबाइल लोकेशन का पता किया जा सकता है। उक्त घटनाक्रम स्वतः इसलिए भी असत्य है क्योंकि वर्मा ने अपनी शिकायत में न तो घटना का समय अंकित किया न ही किसी गवाह का नाम लिखा है। वकीलों का कहना हैं कि वकीलों के आंदोलन पर विपरीत प्रभाव डालने के लिए दुर्भावनावश षडयंत्र करते हुए झूठी व मिथ्या शिकायत जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष के खिलाफ की है। उन्होंने जोशी को झूठे मामले में फंसाने के षडयंत्रकारी धनसिंह वर्मा व उसके अज्ञात सहयोगियों के विरूद्ध जल्द कार्रवाई के साथ प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। वरिष्ठ अधिवक्ता कटारिया को धरना स्थल पर दी श्रद्धांजलि- वकीलों द्वारा किए जा रहे है उक्त आंदोलन में शुरूआत से सक्रिय भागीदारी निभाने रहे चौधरी प्रहलाद जी कटारिया का अल्प बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। मंगलवार दोपहर 12.30 बजे धरना स्थल पर जिला अभिभाषक संघ द्वारा शोक सभा रखी गई। जिसमें अधिवक्ता संदीप लोढा द्वारा विचार व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी गई और बताया कि वे वकीलों के इस आंदोलन में भी कुछ दिनों तक भाग लेने उपस्थित हुए थे। इसके बाद संघ की ओर से अध्यक्ष मनीष जोशी ने श्रद्धांजलि पत्र का वाचन किया। जिसे स्व.कटारिया के परिजनों को सौंपा जाएगा। अंत में सभी वकीलों द्वारा दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई। शोक सभा का संचालन अधिवक्ता रमेश राजोरा ने किया।

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