जयपुर, खैरथल-तिजारा, नागौर में चलाया गया रास्ता खोलो अभियान एक माह के लिए प्रदेश के सभी जिलों में शुरू करने का निर्णय किया गया है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने इस संबंध में एक एसओपी बनाकर प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स, संभागीय आयुक्त, जिला एसपी समेत अन्य अधिकारियों को इस अभियान को प्रमुखता से चलाने के आदेश दिए है। इन आदेशों में हर उपखंड स्तर पर हर सप्ताह कम से कम 10 रास्तों को खुलवाने का लक्ष्य दिया है।
विभाग से जारी एक सर्कुलर के मुताबिक मुख्यमंत्री पोर्टल समेत अन्य स्तर पर ग्रामीण इलाकों में बंद रास्तों को खुलवाने की शिकायतें आती हैं। मंत्री और अधिकारियों के स्तर पर की जाने वाली जनसुनवाइयों में भी बंद रास्तों के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त होती है।
इन ग्रामीण रास्तों पर किए अतिक्रमण से न केवल ग्रामीणों को परेशानी होती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में आपसी झगड़े भी होते है। इससे गांवों में माहौल खराब होता है। विकास के कार्यों में भी बाधा आती है। पिछले कुछ समय से जयपुर, तिजारा खैरथल में जब रास्ता खोलो अभियान चलाया और उसके सकारात्मक परिणाम आए तो उससे आमजन को काफी राहत मिली।
इसी सकारात्मक परिणाम और आमजन की तकलीफ को देखते हुए सरकार ने इस अभियान को प्रदेश के सभी जिलों में चलाने का निर्णय किया है।
अभियान के तहत ये होंगे काम
राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 251 के तहत रास्ता खुलवाना।
राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 251ए तहत दिए गए रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना।
मुख्य गांव, ढाणियों को जोड़ने वाले रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना।
पुराने रास्तों का राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना।
राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज रास्ते जो मौके पर बंद है, उनको खुलवाना।
नरेगा द्वारा बनवाए गए रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना।
कृषि भूमियों पर आवागमन के लिए बने सार्वजनिक रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना।
नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त
इस अभियान के तहत जिला कलेक्टरों को अपने-अपने जिले में एक-एक नोडल अधिकारी और एक-एक सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी। नोडल अधिकारी एडीएम स्तर का अधिकारी होना चाहिए। जबकि उपखंड स्तर पर इस अभियान के लिए एक अलग से प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।