नीमच/उज्जैन - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “आपः सुजिरा अमृतः सुवर्चाः शंभू मयोभूः", अर्थात जल न केवल अमृतस्वरूप है, बल्कि शुभ, पवित्र और जीवनदायक भी है। उन्होंने कहा है कि जल जीवन जीने का संसाधन मात्र नहीं, अपितु हमारा सनातन संस्कार है। हमारे ग्रंथ कहते हैं कि जल की हर बूंद में जीवन है और हर स्रोत में आने वाले कल का भविष्य छिपा है। इसलिए इस अमूल्य धरोहर की किसी भी मूल्य पर रक्षा करना हमारा दायित्व है।
इसी दायित्व की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ संचालित किया जा रहा है। इसमें नवीन जल संग्रहण संरचनाओं के साथ-साथ पूर्व से मौजूद जल संग्रहण संरचनाओं का जीर्णोद्धार, जल स्त्रोतों और जल वितरण प्रणालियों की साफ सफाई, जल स्त्रोतों के आस-पास पौध रोपण के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। जन-जागरुकता अभियानों के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इस अभियान में जन-भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
उज्जैन में चौपाल लगाकर नागरिकों को जल और प्रकृति संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रकृति संरक्षण के संकल्प को पूर्ण करने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा चलाए जा रहे अभियान में उज्जैन जिले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देशन में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत नगर निगम द्वारा सप्त सागरो के उन्नयन ,साफ सफाई ,गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। सप्त सागर प्राचीन काल से उज्जयिनी के समृद्ध इतिहास के अभिन्न अंग रहे है। नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्र में स्थित जलसंरचनाओं का पुनरुद्धार का कार्य भी किया जा रहा है। इसी के साथ जिले में जिला पंचायत ,मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद, नवांकुर संस्था ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति द्वारा जिले के पोखर ,तालाब ,कुआं बावड़ी आदि जलसंरचनाओं का पुनरुद्धार ,गहरीकरण ,साफ सफाई, जल की चैनल का विकास, पौधारोपण आदि कार्य किए जा कर भू जल स्तर को बढ़ाने का प्रयास और प्राकृतिक संरक्षण के कार्य किए जा रहे है।
इसी के साथ जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत चौपालों का आयोजन कर जनभागीदारी के साथ नागरिकों को जल और प्रकृति संरक्षण के लिए जागरूक करने का कार्य भी निरंतर जारी है।
अभियान का समग्र उद्देश्य
इस अभियान के अंतर्गत नई जल संरचनाओं का निर्माण और पुरानी संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। जल स्रोतों और जल वितरण प्रणालियों की सफाई के साथ-साथ उनके आस-पास पौधारोपण को प्राथमिकता दी जा रही है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जन-जागरुकता अभियानों के माध्यम से लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है।‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ का उद्देश्य न केवल जल संरचनाओं के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार में सहायता प्रदान करना है, बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले जल स्रोतों को पुनर्जीवित करते हुए वर्तमान एवं भविष्य की पीढ़ियों में भारत के स्वर्णिम अतीत से परिचय एवं प्रेरणा का संचार करना भी है। अभियान में मशीन, सामग्री व श्रम का समुचित नियोजन कर आमजन, स्थानीय समुदाय, जनप्रतिनिधि एवं सरकार का संयुक्त प्रयास सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस महत्त्वपूर्ण अभियान में एकजुटता के साथ भाग लेकर जल संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं, क्योंकि “जल है तो कल है”।