केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान मध्यप्रदेश दुग्ध संघ और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के बीच एमओयू हुआ। इसके साथ ही एमपी के छह दुग्ध संघों और एनडीडीबी के बीच छह अलग-अलग एमओयू भी किए गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। इस दौरान सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, पशुपालन-डेयरी विकास मंत्री लखन पटेल के साथ-साथ नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड और मध्यप्रदेश के सहकारिता, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि देश में सहकारी समितियां अब पेट्रोल पंपों का संचालन करेंगे और रसोई गैस का वितरण भी संभालेंगी। शाह ने कहा कि सहकारिता सेक्टर में मध्य प्रदेश में काफी संभावनाएं हैं, जिस पर काम करने की जरूरत है।
इससे पहले स्टेट हैंगर पर शाह का स्वागत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने किया। इसके बाद शाह का काफिला रवाना होकर सीएम हाउस पहुंचा, जहां शाह ने सीएम मोहन यादव और उनके साथी मंत्रियों के साथ लंच किया।
शाह बोले- सहकारिता में काफी काम करने की जरूरत
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा- मध्य प्रदेश के अंदर कृषि, पशुपालन और सहकारिता क्षेत्र में अधिक संभावनाएं हैं। मैं मानता हूं कि हमें हमारी संभावनाओं का शत प्रतिशत दोहन करने के लिए ढेर सारा काम करने की जरूरत है।
शाह ने कहा- साढ़े 3 साल में काफी बदलाव आया
अमित शाह ने कहा कि ग्रामीण विकास और कृषि विकास के आयाम, पशुपालन के आयाम, इन सबको एक जगह पर रखकर केंद्रीय स्तर पर कोई विचार नहीं किया। विचार होता भी कैसे। कोई सहकारिता मंत्रालय ही नहीं था।
आजादी के 75 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर मुझे मंत्री बनाया। मोहन जी कह रहे हैं उन्हें आश्चर्य हुआ तो थोड़ा मुझे भी आश्चर्य हुआ। साढ़े तीन साल के समय में मोदी जी ने खुद बहुत बारीकी से देखकर सहकारिता आंदोलन में बहुत बड़ा बदलाव लाने का काम किया।
सांची का नाम नहीं बदलेगा, संचालन NDDB के हाथ में होगा
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मंत्री लखन पटेल ने बताया कि मप्र दुग्ध संघ और एनडीडीबी के बीच अनुबंध के बाद भी न तो सांची का नाम हटेगा, न लोगो बदलेगा। संचालन का काम एनडीडीबी के हाथों में रहेगा। दुग्ध संघ में अब सीईओ, एनडीडीबी के अधीनस्थ काम करेंगे।
एनडीडीबी और दुग्ध संघ के बीच हुए करार के बाद मप्र में दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार हो जाएगी।
एनडीडीबी मप्र में डेली दुग्ध उत्पादन क्षमता को 10 लाख लीटर से बढ़ाकर 5 साल में 20 लाख लीटर तक ले जाएगा। 5 साल के प्रोजेक्ट के लिए 1447 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।