KHABAR: लालकिले में गूंजी सम्राट विक्रमादित्य की गौरव गाथा, उपराष्ट्रपति बोले- समय आ गया है अंग्रेजियत छोड़ने का, सीएम ने कहा-हमारी सनातन संस्कृति अंतहीन, पढ़े खबर

MP 44 NEWS April 13, 2025, 2:08 pm Technology

दिल्ली के लाल किले में शनिवार को तीन दिनी विक्रमोत्सव की शुरुआत हुई। यहां सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन किया गया। इसमें विक्रमादित्य के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की सभी गाथाएं प्रस्तुत की गई। नाटक में 125 कलाकारों और 50 सहयोगियों के माध्यम से विक्रमादित्य की गौरव गाथा प्रदर्शित की गई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के संविधान में दर्शाए गए 22 सांस्कृतिक चित्रों का उल्लेख करते हुए कहा, "प्रारंभ में गुरुकुल और रामायण जैसे चित्र यह संकेत देते हैं कि शिक्षा, संस्कृति और धर्म भारत के शासन-दर्शन के मूल तत्व रहे हैं।" भाषा को लेकर उन्होंने साफ कहा, "अब वह समय आ गया है जब हमें अंग्रेजियत को छोड़ देना चाहिए। तकनीकी शिक्षा अब विभिन्न भारतीय भाषाओं में संभव हो चुकी है। यह एक क्रांतिकारी बदलाव है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति अंतहीन है। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हुए। 14 अप्रैल तक होगा महानाट्य का मंचन बता दें कि सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य का मंचन शनिवार से 14 अप्रैल तक नई दिल्ली के लाल किले में माधवदास पार्क में होगा। नाट्य मंचन के दौरान महान सम्राट विक्रमादित्य, विक्रम संवत् और देश के गौरवशाली इतिहास में उनके योगदान से देश को अवगत करवाया जाएगा। धनखड़ बोले- विक्रमादित्य न्याय और संस्कृति का प्रतीक विक्रमादित्य महानाट्य के मंच से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत लंबे अंतराल के बाद एक नए युग में प्रवेश कर चुका है- आर्थिक प्रगति, वैश्विक सराहना और मजबूत संस्थागत ढांचे के साथ देश अब सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है जिसकी सांस्कृतिक विरासत 5 हजार साल पुरानी हो। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपनी जड़ों की ओर लौटें और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से आत्मबोध को सशक्त करें।" उन्होंने सम्राट विक्रमादित्य को न्याय और संस्कृति का प्रतीक बताते हुए कहा कि जिस आदर्श शासन की कल्पना उस युग में की गई थी, आज वह आधुनिक भारत की शासन-प्रणाली में मूर्त रूप ले रहा है। कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, मप्र के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, सीएम डॉ. मोहन यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद रहें। 'संविधान के चित्रों में रची-बसी है भारत की आत्मा' उपराष्ट्रपति ने बताया कि एक समय था जब अंग्रेजी को केवल क्वालिफाइंग सब्जेक्ट के रूप में रखा गया था, लेकिन 2009 में आई सरकार ने इसे फिर से रैंकिंग सब्जेक्ट बना दिया। उन्होंने इस बदलाव को भारतीय भाषाओं के सम्मान के खिलाफ बताया। "अब हर क्षेत्र में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा मिल रहा है। संसद में 22 भाषाओं का उपयोग होता है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इंडियन क्लासिकल लैंग्वेज को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा मिल रही है।" उपराष्ट्रपति ने मोहन यादव को बताया ‘मनमोहन’ मंच से उपराष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की भी विशेष सराहना की। उन्होंने कहा, "आप सिर्फ नाम से नहीं, हर दृष्टि से मनमोहन हैं। आपने दिल्ली के दिल पर असर छोड़ा है। आपकी सांस्कृतिक सोच और नाट्य प्रेम इस आयोजन में झलकता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत लंबे अंतराल के बाद एक नए युग में प्रवेश कर चुका । केंद्रीय मंत्री शेखावत बोले- भारत के स्वर्णिम युग का उत्सव केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- "यह केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारत के उस स्वर्णिम युग का उत्सव है, जिसने न्याय, संस्कृति, विज्ञान और धर्म के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया।" उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य ऐसे आदर्श शासक थे, जिन्होंने सिद्ध किया कि राजा वही होता है जो प्रजा के हित में जिए और न्याय को सर्वोपरि रखे। उनके दरबार में महाकवि कालिदास, खगोलशास्त्री वाराहमिहिर और वैद्य धन्वंतरि जैसे नवरत्न थे, जो भारत की सांस्कृतिक उत्कृष्टता के प्रतीक हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्यप्रदेश सरकार को आयोजन के लिए बधाई दी। सीएम डॉ. यादव बोले- पीएम ने की सराहना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि इस भव्य नाट्य मंचन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष शुभकामना संदेश भेजा है। मुख्यमंत्री ने कहा, "यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री ने न केवल इस सांस्कृतिक प्रयास की सराहना की है, बल्कि इसे भारत की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक चेतना को जगाने वाला आयोजन बताया है। सीएम ने बताया- नाट्य मंचन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने शुभकामना संदेश भेजा है। दिल्ली की सीएम बोली- ये गौरवशाली क्षण दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताते हुए कहा कि मैं उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करना चाहती हूं, जिन्होंने इतना भव्य आयोजन दिल्ली में किया और दिल्ली वासियों को समृद्ध भारतीय संस्कृति, उज्जैन की गुफाएं और सम्राट विक्रमादित्य जैसे गौरवशाली महानायक को नजदीक से जानने और देखने का अवसर दिया। आज का यह गौरवशाली क्षण हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। मेरा पूरा मंत्रिमंडल और सभी विधायक गण इस आयोजन में शामिल हुए। यह कार्यक्रम न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे भारत के गौरव को सामने लाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘श्रेष्ठ भारत’ का जो विजन है, यह आयोजन उसी का एक हिस्सा है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताया। रेखा गुप्ता ने कहा कि जब तक हम अपने सीमित दायरे से बाहर निकलकर अपने अतीत, परंपरा और ऐतिहासिक नायकों को नहीं जानेंगे, तब तक आने वाली पीढ़ियों को उनके योगदान को समझाना मुश्किल होगा। सम्राट विक्रमादित्य जैसे शूरवीर, जो रात में वेश बदलकर जनता के बीच निकलते थे, आज भी शासन प्रणाली के लिए आदर्श बने हुए हैं। विक्रमोत्सव में प्रदर्शनियां भी लगाई गई महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य के साथ साथ लाल किले पर विक्रमादित्य और अयोध्या, विक्रमादित्य कालीन पुरातात्विक मुद्रा मुद्रांक, वृहत्तर भारत के सांस्कृतिक वैभव, मध्यप्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं, प्रदेश में निवेश और रोज़गार सृजन के अवसरों में लोकव्यापीकरण के प्रयासों पर केंद्रित प्रदर्शनियां भी लगाई गई। दिल्ली वासियों के लिए एमपी फूड का भी स्वाद दिल्ली के निवासी फूड कोर्ट में मध्यप्रदेश के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी चख सकेंगे। इस तीन दिवसीय उत्सव में भारतीय इतिहास और संस्कृति के महान नायक के योगदान को जीवंत किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में संस्था विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति ने महानाट्य की परिकल्पना को साकार किया है। बाबा महाकाल का होलोग्राम भी दिखाया मध्यप्रदेश में पर्यटन विभाग की प्रमुख पहल, नवाचारों और पर्यटन सर्किट की जानकारी दी गई। तकनीक की सहायता से नागरिकों को ऐतिहासिक कथाओं को जानने का अवसर भी मिला। यहां AR/VR अनुभव के लिए पवेलियन होगा, साथ ही बाबा महाकाल का होलोग्राफिक भी प्रदर्शित किया जाएगा। हस्तकला व कौशल को मिला मंच मध्यप्रदेश की हस्तकला व कौशल को मंच प्रदान किया जा रहा है। इसमें हस्त शिल्पकार गोंड कला, बाग प्रिंट, टेराकोटा शिल्प, खजूर पत्ती शिल्प, पारंपरिक शिल्प और पेपर मैशी कला व चित्रकला के साथ अन्य उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है।

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