रतलाम - रतलाम में विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम रवींद्र प्रतापसिंह चुंडावत ने बारात में हुई मारपीट के मामले में 13 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सभी को छह-छह माह की सजा और एक-एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
सहायक निदेशक अभियोजन आशा शाक्यवार ने बताया कि घटना 27 जनवरी 2018 की है। ग्राम अजबगढ़ से देथला निवासी देवीसिंह कईड़ा के यहां आई बारात में नानूराम सहित अन्य बाराती शामिल थे।
कार्यक्रम के बाद बाराती देवीसिंह के घर से करीब 300 मीटर दूर बैठे थे। इसी दौरान गांव का उदयसिंह गुर्जर वहां आया और जमीन पर बैठने का कारण पूछते हुए नानूराम और उसके साथियों को गालियां देने लगा।
विरोध करने पर आरोपी उदयसिंह ने अपने साथियों को फोन कर बुला लिया। आरोपियों ने नानूराम, तेरसिंह मालीवाड़, कलसिंह मालीवाड़ और बचाव में आए सलिया सरपंच के साथ मारपीट की। बारात में शामिल महिलाओं और दूल्हे के भाई सेतू मालीवाड़ को भी चोट पहुंचाई। मामले में रावटी थाने में केस दर्ज कराया गया था।
इन 13 आरोपियों को हुई सजा
दोषी करार दिए गए आरोपियों में चैनपुरा गांव के बापुलाल उर्फ बापूसिंह, भरत, समरथ, मांगू उर्फ मांगीलाल, गुलाबसिंह, उदेसिंह, कान्हा उर्फ वक्तालाल, भेरू उर्फ भेरूलाल, चंदरसिंह, मुकेश उर्फ रुघनाथ, बाबू, गुड्डा उर्फ भरतसिंह और दरियावसिंह उर्फ दरबासिंह शामिल हैं।
विशेष लोक अभियोजक अच्छुसिंह गोयल ने अभियोजन की ओर से पैरवी की।