डिंडौरी - डिंडौरी में पत्नी की मौत के मामले में जेल गए भाजपा नेता दशरथ राठौर की क्राइम फाइल पुलिस ने फिर खोल ली है। दशरथ चोर गिरोह का सरगना निकला। उसका गिरोह सरकारी ऑफिस से कम्प्यूटर चोरी करता था।
साल 2007 में उस पर 10 मामले दर्ज हुए थे। करीब 15 दिन जेल में भी रहा। झगड़ालू प्रवृत्ति का होने से वर्ष 2019 में एसडीएम कोर्ट से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी हो चुकी है।
पुलिस का शिकंजा कसने लगा, तो उसने भाजपा का दामन थाम लिया। तीन साल में भाजपा पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष और उप सरपंच बन गया।
3 मई को भाजपा नेता की पत्नी संगीता राठौर की मौत के बाद दशरथ के घर के सामने और अस्पताल में हंगामा भी हुआ। एसपी वाहिनी सिंह खुद संगीता के परिजन को समझाने पहुंची।
दशरथ राठोर भले ही अब भाजपा नेता है। लेकिन, उसका अपराध की दुनिया से भी गहरा ताल्लुक रहा है। दैनिक भास्कर की टीम भाजपा नेता के बारे में जानने जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर देवलपुर गांव जाकर संगीता के परिजन से मिली।
संगीता की मां रमनी बाई की आंखें सूजी हुई हैं। जब बात करती हैं, तो ऐसा लगता है कि गला सूख सा जा रहा है। वे बार-बार गले पर हाथ रख लेती हैं।
रमनी बाई के बगल में बैठी उनकी रिश्तेदार लक्ष्मण राठौर कहते हैं…
‘शनिवार रात करीब 8 बजे संगीता के न रहने के बारे में फोन आया था। उस समय जीजी खाना खा रही थीं। बेटी की मौत की खबर सुनते ही बेसुध हो गईं। हम सब काम-घर छोड़ वहां पहुंचे। रातभर उसके घर के सामने बैठे रहे। तब से अभी तक एक निवाला तक जीजी ने नहीं खाया।’
3 साल पहले अप्रैल 2022 में दशरथ की शादी उम्र में 16 साल छोटी संगीता से हुई थी। शादी के वक्त दशरथ की उम्र 35 और संगीता 19 साल की थी। रमनी बाई कहती हैं कि संगीता हमारी इकलौती बेटी थी। बहुत सुंदर और गोरी-चिट्टी थी वो। दिखने में पूरे गांव में उस जैसी कोई दूसरी उसकी उम्र की लड़की नहीं थी। परिवार में छोटी थी, लेकिन घर-गृहस्थी संभाल लेती थी। सयानी हो रही थी, तो शादी की चिंता भी हो रही थी।
सबकी मति मारी गई थी, जो उससे (दशरथ) बिटिया ब्याह दी। उसने जो किया, उसका फल मिलेगा। मैं तो मना कर रही थी। कहा था कि उसकी उम्र बहुत ज्यादा है। मेरी संगीता छोटी है। उससे 16 साल छोटी थी, लेकिन घर के बड़ों के आगे नहीं चली। कहने लगे कि दशरथ की दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। घर में इकलौता लड़का है। आमदनी भी अच्छी है। दुकान है और भी काम करता है। वो सरहरी बिछिया ग्राम पंचायत का उप सरपंच भी था। ग्राम पंचायत में ठेकेदारी भी करता था। शादी के बाद काम-काज में संगीता उसकी मदद करती थी।
मां बोलीं- दशरथ ने बेटी को कभी पत्नी नहीं माना
रमनी बाई ने कहा- सब देख लो, आज ये दिन देखना पड़ रहा है। उसने संगीता को कभी पत्नी जैसा नहीं माना। शादी के बाद से ही संगीता उदास रहने लगी थी। हमेशा गुमसुम सी रहती थी। वो उससे दूरी बनाकर रखता था। हमेशा देर से घर आता था। पहले वो सब बताती थी, जो उसके साथ हो रहा है। मैं कहती- तू छोटी है अभी, समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। लगता था कि दशरथ सुधर जाएगा।
हालात तो ये हो गए थे कि पहले वो कभी-कभार घर नहीं आता था। एक साल से तो 10-15 दिन तक घर ही नहीं आता था। शादी के एक साल बाद तो वो बिल्कुल बदल गया था। बेटी को मारता-पीटता था। कई बार उसने मायके से रुपए लाने के लिए भी कहा। लेकिन, हम कहां से देते।
इधर, संगीता की सास को पोता चाहिए था। उसकी सास उसे बच्चे न होने का उलाहना देने लगी। संगीता से वो कहती थी कि तेरे में ही कमी है। उसने अपने बेटे दशरथ से कभी नहीं कहा कि घर पर क्यों नहीं रुकता। इतने दिन कहां गायब रहता है।
काश !... मेरी कही मान लेते और उस दुष्ट से शादी नहीं कराते, तो आज मेरी लाड़ली बिटिया मेरे सामने होती।
बात करते-करते रमनी बाई का गला रुंध गया। फिर हमने संगीता के पिता राजा बलि से बात की।
उन्होंने कहा, ‘करीब 15 दिन पहले दशरथ ने बेटी को बहुत मारा-पीटा। उसने मोबाइल पर पूरी बात बताई। हमने उसे बुला लिया। तब पांच-छह दिन ही हुए होंगे। एक दिन बिना कोई खबर किए दशरथ अपने दोस्तों के साथ आ गया। उसने संगीता से साथ चलने के लिए कहा। हमने मना कर दिया। उसने हाथ जोड़कर माफी मांगी। बेटी तो पराई होती है, हमने परिवार वालों से मशविरा कर उसे भेज दिया।
संगीता दिन में दो-तीन बार मोबाइल पर हाल-चाल बता देती थी। आठ-दस दिन पहले दशरथ ने उससे मोबाइल भी छीन लिया। हम लोग उससे बात ही नहीं कर पा रहे थे। घटना से चार दिन पहले अनजान नंबर से उसका फोन आया था। फिर उससे बात नहीं हो पा रही थी। हमें चिंता हो रही थी। 3 मई की दोपहर मैंने अपने पिता यानी संगीता के दादा छोटू राठौर को संगीता से मिलने भेजा।
जब वो शाम करीब 6 बजे संगीता की ससुराल पहुंचे, तो वो ठीक थी। दशरथ भी वहीं मिल गया। बातचीत में उसने पिताजी से कहा कि कामकाज ठीक से नहीं चल रहा है। बैंक की रिकवरी निकल आई है। आगे की झंझटों से बचने के लिए जमा करने के लिए पांच लाख रुपए चाहिए।
थोड़ी देर बाद दशरथ ने उन्हें एक तरह से धमकाते हुए कहा था कि वो देख लेगा, उन्हें और संगीता को। इसके बाद 8 बजे के करीब पिताजी घर आ गए। मैंने उनसे बेटी का हालचाल पूछा, तो उन्होंने दामाद दशरथ की धमकी बता दी। मुझे लगा दशरथ ऐसा ही है, जब गुस्सा ठंडा हो जाएगा, तो सबकुछ ठीक हो जाएगा।
रात करीब साढ़े 8 बजे मेरे मोबाइल की घंटी बजी। उस वक्त में आंगन में चारपाई पर लेटा था। मोबाइल पर दशरथ का नंबर था। मैंने सोचा, संगीता ने फोन किया है।
मैंने कहा- हैलो, काए-कैसी है..
दूसरी तरफ से- दशरथ की आवाज आई, संगीता मर गई, उसने फांसी लगा ली।
उस वक्त तो मेरी आवाज ही बंद हो गई। जैसे-तैसे खुद को संभाला। पहले पिताजी और घर के बाकी के लोगों को बताया। थोड़ी देर बाद पूरे समाज को खबर लग गई। थोड़ी देर बाद हम सब लोग डिंडौरी में बेटी के सुसराल आ गए।
आखिर में राजा बलि कहते हैं, ‘संगीता ने आत्महत्या नहीं की, दशरथ ने उसकी हत्या की है।’
रुतबा इतना कि पुलिस नाम लेने तैयार नहीं
संगीता के परिजन से मिलने के बाद भास्कर रिपोर्टर कोतवाली पहुंचा। यहां दशरथ की क्राइम की फाइल मौजूद है। पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि रविवार शाम एसपी ने दशरथ के पुराने मामलों का अपडेट लिया है।
दशरथ का राजनीतिक रुतबा कितना ज्यादा है, इसका पता इस बात से चलता है कि पुलिस अधिकारी उसका पुराना चिट्ठा बताने तो तैयार हैं, लेकिन अपना नाम सामने नहीं आने देते।
सूत्रों ने बताया कि दशरथ 2007-08 में चोरी करता था। उसका एक गिरोह था। इसके निशाने पर सरकारी दफ्तरों में लगे कम्प्यूटर होते थे। डिंडौरी समेत आस-पास के जिलों कटनी, शहडोल और डिंडौरी में उसके और गिरोह के खिलाफ 10 मामले दर्ज हुए थे। पुलिस ने उसे गिरोह समेत गिरफ्तार किया था। चोरी के मामलों में उसे करीब एक महीने की जेल हुई थी। कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया था।
उसके खिलाफ लड़ाई-झगड़े और पारिवारिक विवाद के मामलों की शिकायत आती रहीं, 2019 में तो उसे एसडीएम कोर्ट में बॉन्ड भी भरना पड़ा था।
फिर बन गया भाजपा नेता…
7वीं तक पढ़ने वाला दशरथ पेशे से आर्टिस्ट है। पत्थर और मिट्टी की कलाकृतियां बनाता है। बाद में रोजी-रोटी के लिए फ्लैक्स बनाने की दुकान खोल ली। काम चल निकला। भाजपा नेता फ्लैक्स बनवाने के लिए उसके पास आने लगे। धीरे-धीरे उसकी नजदीकी जिले समेत प्रदेश के बड़े नेताओं से हो गई।
2019 में एसडीएम कोर्ट से चेतावनी मिलने के बाद उसने भाजपा की सदस्यता ले ली। 2021 में पिछड़ा अल्प संख्यक मोर्चा का जिलाध्यक्ष बन गया। इसके बाद उप सरपंच का चुनाव जीत गया।
2022 आते-आते दशरथ जिले का बड़ा भाजपा नेता बन गया। भाजपा के हर छोटे बड़े कार्यक्रम में नेताओं के साथ नजर आने लगा। सरकारी दफ्तरों और पुलिस में धाक जम गई।
दो साल पहले तक नेताओं के लिए फ्लैक्स और पोस्टर डिजाइन करने वाला दशरथ अब डिंडौरी में खुद फ्लैक्स और पोस्टर पर नजर आने लगा था।
डॉक्टर बोले- पीएम रिपोर्ट का इंतजार
संगीता के शव का पोस्टमार्टम करने वाली टीम में शामिल रहे डॉक्टर सुरेश मरावी का कहना है कि जल्दबाजी में कुछ नहीं का जा सकता। जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा है। हैंगिंग तो दोनों में आती है। चाहे कोई फांसी लगाए या फांसी पर टांग दे। खून इतना कैसे निकला, ये भी समझ के परे है। शरीर में ज्यादा चोट के निशान भी नहीं हैं। पीएम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
भाजपा नेता की पत्नी का शव फंदे से लटका मिला
डिंडौरी में भाजपा नेता की पत्नी का शव फंदे से लटका मिला है। महिला के परिजन का आरोप है कि दामाद पांच लाख रुपए मांग रहा था। रुपए नहीं देने पर बेटी की हत्या कर दी। पुलिस ने भाजपा नेता दशरथ को हिरासत में ले लिया है। पढ़ें पूरी खबर