KHABAR: उपचुनावों में चुनाव आयोग की नई पहल, पढ़े खबर

MP 44 NEWS June 20, 2025, 6:52 pm Technology

नीमच - भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज पांच विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में कई नई पहलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया । मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू, एवं डॉ. विवेक जोशी के मार्गदर्शन में शुरू की गई इन पहलों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुगम और पारदर्शी बनाना है । इन सफल परीक्षणों के बाद अब इन नई व्यवस्थाओं को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में पूरी तरह से लागू करने की तैयारी है। यह उपचुनाव गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल के पांच विधानसभा क्षेत्रों में संपन्न हुए। इनमें गुजरात में 24-कडी (SC) और 87-विसावदर, केरल में 35-निलंबुर, पंजाब में 64-लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल में 80-कालीगंज शामिल हैं । इन सभी क्षेत्रों के 1354 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। चुनाव आयोग द्वारा की गई प्रमुख नई पहलें: मोबाइल जमा करने की सुविधा: पहली बार, मतदाताओं को सभी मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर अपने मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा प्रदान की गई । यह सुविधा शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन की सर्वव्यापकता को देखते हुए शुरू की गई, ताकि मतदाताओं, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगों को मतदान केंद्र में प्रवेश से पहले अपना फोन रखने की चिंता न हो । इसके लिए मतदान केंद्रों पर साधारण कबूतरखानों जैसे बॉक्स या जूट के थैले लगाए गए थे और इस प्रक्रिया में मदद के लिए स्वयंसेवक भी तैनात थे । उन्नत वोटर टर्नआउट (VTR) रिपोर्टिंग: मतदाता प्रतिशत की जानकारी साझा करने की प्रक्रिया को उन्नत किया गया । नई व्यवस्था के तहत, प्रत्येक मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी ने मतदान के दिन हर दो घंटे में सीधे नए 'ईसीआईनेट ऐप' पर वोटर टर्नआउट दर्ज किया । इसके अतिरिक्त, मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद, पीठासीन अधिकारियों ने मतदान केंद्र छोड़ने से पहले ऐप में डेटा अपडेट किया । इससे पहले यह जानकारी सेक्टर अधिकारियों द्वारा मैनुअल रूप से इकट्ठा की जाती थी, जिसमें काफी समय लगता था और अंतिम आंकड़े देर रात 10-11 बजे तक या अगले दिन उपलब्ध हो पाते थे । नई प्रणाली से इस देरी में भारी कमी आएगी । 100% वेबकास्टिंग: पांचों विधानसभा क्षेत्रों के लगभग सभी मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया की 100% वेबकास्टिंग सुनिश्चित की गई । रिटर्निंग ऑफिसर (RO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) स्तर पर समर्पित टीमों ने पूरी मतदान प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखी । अन्य सुधार: इन चुनावों से पहले लगभग दो दशकों में पहली बार मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) भी किया गया । साथ ही, सभी पीठासीन अधिकारियों को मॉक पोल का व्यक्तिगत प्रशिक्षण भी दिया गया । इन नई पहलों का सफल कार्यान्वयन भारत की चुनावी प्रक्रिया को और अधिक आधुनिक, मतदाता-अनुकूल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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