KHABAR: CMHO ऑफिस के अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज, अनुकंपा नियुक्ति के बदले मांगी 80 हजार रिश्वत, एसीबी की कार्रवाई हुई थी फेल, पढ़े खबर

MP 44 NEWS June 21, 2025, 3:37 pm Technology

चित्तौड़गढ़ - चित्तौड़गढ़ जिले में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें अनुकंपा नियुक्ति के बदले में रिश्वत मांगी गई। इस पूरे मामले में चित्तौड़गढ़ के सीएमएचओ ऑफिस के प्रशासनिक अधिकारी मांगीलाल खटीक और वरिष्ठ सहायक नईम वेग पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक युवक से नौकरी दिलाने के बदले 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन ऐन मौके पर कार्रवाई फेल हो गई। इसके बावजूद रिकॉर्डिंग और सबूतों के आधार पर अब आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पिता की मौत के बाद अनुकंपा पर नौकरी के लिए किया था आवेदन परिवादी युवक कोटपुतली-बहरोड़ जिले का रहने वाला है। उसके पिता चिकित्सा विभाग में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे और उनकी पोस्टिंग सीएमएचओ चित्तौड़गढ़ कार्यालय में थी। एक मार्च 2022 को एक सड़क दुर्घटना में उनके पिता की मौत हो गई। उस समय परिवादी नाबालिग था। बालिग होने और 12वीं पास करने के बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। दो सितंबर 2024 को उसने सभी ज़रूरी दस्तावेज चित्तौड़गढ़ में जमा कराए। इसके बाद उसकी फाइल 2 दिसंबर 2024 को जयपुर स्थित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक कार्यालय भेजी गई। रिश्वत की पहली मांग, 25000 रुपए लिए फाइल जयपुर भेजे जाने के कुछ दिनों बाद, सीएमएचओ कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी मांगीलाल खटीक ने परिवादी को व्हाट्सएप कॉल किया और फाइल अप्रूवल के बदले 40,000 रुपए की मांग की। उन्होंने पहले 25,000 रुपए एडवांस देने के लिए कहा। परिवादी ने 21 दिसंबर 2024 को किसी सोहनलाल नायक के बैंक अकाउंट में 25,000 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। फिर मांगे एक लाख, फाइल रिजेक्ट होने को लेकर डराया जनवरी 2025 में सीएमएचओ ऑफिस के वरिष्ठ सहायक नईम वेग ने परिवादी को फोन कर जरूरी दस्तावेज के साथ ऑफिस बुलाया। फरवरी में जब परिवादी दोनों अधिकारियों से मिलने गया तो उन्होंने उससे इस बार एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर पैसे नहीं दिए तो फाइल रिजेक्ट कर दी जाएगी। इतना ही नहीं, उन्होंने परिवादी के पिता के निलंबन काल की सैलरी एरियर पास करवाने के बदले में भी 18,000 रुपए ले लिए। परेशान होकर ACB से की शिकायत, 80 हजार रुपए में फाइनल हुई डील लगातार हो रही पैसों की मांग और मानसिक तनाव से परेशान होकर परिवादी ने उदयपुर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की स्पेशल यूनिट से संपर्क किया और शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर एसीबी टीम ने कार्रवाई की योजना बनाई। एक रिकॉर्डर के साथ परिवादी को आरोपियों के पास भेजा गया ताकि बातचीत की रिकॉर्डिंग हो सके। इस दौरान दोनों आरोपियों ने फाइल अप्रूवल के लिए 1 लाख रुपए की मांग दोहराई, लेकिन बाद में 80 हजार रुपए में बात तय हो गई। इसके बाद परिवादी को अगले दिन फिर ऑफिस बुलाया गया। ट्रैप की तैयारी और लेकिन प्लान हुआ फेल एसीबी ने अप्रैल में ट्रैप की योजना तैयार की। चूंकि परिवादी के पास पूरे रुपए नहीं थे, इसलिए 20,000 रुपए असली और 60,000 रुपए बच्चों के नकली नोट (चिल्ड्रन प्ले नोट) उसे दिए गए। तय प्लान के अनुसार वह सीएमएचओ कार्यालय पहुंचा और दोनों आरोपियों से बातचीत की। लेकिन बार-बार पैसों की बात उठाने और बातचीत के तरीके से आरोपियों को शक हो गया। वरिष्ठ सहायक नईम वेग ने उठकर परिवादी से कहा कि "कहीं तुम रिकॉर्डिंग तो नहीं कर रहे हो?" और उसकी तलाशी लेने लगे। तलाशी के दौरान परिवादी के पास से रिकॉर्डर मिल गया। उसने बताया कि यह उसकी सुरक्षा के लिए था। शक की वजह से दोनों अधिकारी सतर्क हो गए और इस कारण एसीबी की ट्रैप कार्रवाई फेल हो गई। आरोपी रिश्वत की रकम लेने से इनकार कर गए। इस पर रिकॉडिंग जांच के लिए जयपुर भेजी गई। आरोपियों की आवाज की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज हुआ मामला हालांकि एसीबी टीम आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने में नाकाम रही, लेकिन पूरे घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग और पहले से हुए लेन-देन के सत्यापन के आधार पर ACB जयपुर मुख्यालय में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। यह मामला 18 जून को दर्ज हुआ।

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