रतलाम -
एक तरफ 26 साल की महिला ने 15 साल के नाबालिग पर रेप का केस दर्ज कराया और पुलिस ने उसे आरोपी बनाकर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया। दूसरी ओर, 35 साल की महिला जब 17 साल के नाबालिग से निकाह की जिद पर अड़ी तो उसी पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
रतलाम के ये दोनों मामले एक जैसे हैं, फिर भी कार्रवाई में दोहरा मापदंड नजर आया। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए। अब बाल कल्याण समिति ने पुलिस की लापरवाही मानते हुए पूरे मामले में एसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
केस-1: 26 वर्षीय महिला ने 15 साल के बच्चे पर कराया रेप का केस
रतलाम के थाना औद्योगिक क्षेत्र में रहने वाली 26 साल की महिला ने 15 साल के नाबालिग पर 17 अप्रैल 2025 को महिला थाने में रेप का केस दर्ज कराया। महिला शादीशुदा है। पति व दो बच्चे हैं। पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया।
10 दिन तक बालक बाल संप्रेक्षण गृह में रहा। उसके बाद वह बाहर आया। तब से मां अपने बेटे को न्याय दिलाने व महिला द्वारा बेटे के साथ हुए यौन शोषण की शिकायत लेकर थाने से लेकर एसपी ऑफिस तक भटकती रही। लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
आखिरकार मां 11 जून 2025 को बाल कल्याण समिति के पास पहुंची। बेटे के साथ यौन शोषण की शिकायत की। शिकायत देख बाल कल्याण समिति भी पुलिस की कार्रवाई को देख हैरान हो गई। बाल कल्याण समिति ने बाल संप्रेक्षण गृह के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट को इस संबंध में पत्र लिखकर अवगत कराया।
'तबीयत खराब है' कहकर मेरे बच्चे को बुलाया था
नाबालिग की मां की माने तो महिला का घर व उनका घर एक ही इलाके में कुछ दूरी पर है। महिला के ससुर का घर उनके घर के पास है। पति का डेढ़ साल पहले निधन हो चुका है। घर में 15 व 12 साल के दो बेटे हैं। महिला के ससुर की कटिंग की दुकान है।
बेटा वहां पर कटिंग कराने जाता है। एक बार वह कटिंग कराने गया तो महिला ने इशारे से बेटे से उसका फोन नंबर मांगा। कहा कि कुछ काम है। महिला गांव की होने के कारण नंबर दे दिया। एक दिन फोन कर कहा कि मैं तुम्हारी भाभी हूं।
मैं तुम्हें अच्छी लगती हूं कि नहीं। तुम्हें किसी औरत के साथ सोना और गलत काम करना आता है या नहीं। मेरे लड़के ने उससे कहा कि मुझे यह सब नहीं पता। मैं नहीं जानता में बहुत छोटा हूं। तब महिला ने कहा कि मैं तुम्हें सब सिखा दूंगी।
बेटा डर गया और उसने फोन काट दिया। इसके बावजूद भी वह बार-बार फोन लगाती रहती। एक दिन महिला ने बेटे को फोन लगाकर कहा कि मुझे जरूरी काम है। मेरे घर आ जा। लड़के ने मना किया तो कहा कि दवाई मंगाना है। मेरी तबीयत खराब है।
तब बेटा उसके घर गया। वहां देखा तो घर में महिला अकेली थी। बेटा जैसे ही घर के अंदर गया तो महिला ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। बेटे के साथ गलत हरकत करने लगी। बेटे ने विरोध किया तो कहा कि चुपचाप जैसा में कहती हूं वैसा कर नहीं तो मैं गांव में सबको बता दूंगी। चिल्लाकर लोगों को बुला लूंगी। बेटा डर गया, महिला ने बेटे के साथ गलत हरकत की। यह भी कहा कि जब-जब बुलाऊं तब आ जाना नहीं तो गांव में बता दूंगी। इसके बाद वह अलग-अलग नंबर से फोन लगाकर बेटे को परेशान करती।
परिजन को पता चला तो मांगे 2 लाख रुपए
नाबालिग की मां के अनुसार 16 अप्रैल को महिला ने बेटे को स्टेशन बुलाया। वह गांव से रतलाम आ रही थी। बेटा अपने दोस्त के साथ स्टेशन गया। सोचा कुछ काम होगा। महिला अपने दो बच्चों के साथ ट्रेन से उतरी। बेटे को बोला यहीं रुको। उसी दौरान महिला का पति, ससुर वहां पर आ गए। बेटे से 2 लाख रुपए की मांग की। नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।
बेटे के साथ मारपीट की। जैसे-तैसे बेटा वहा से भागा। अगले दिन 17 अप्रैल को महिला ससुर व पति के साथ महिला थाना पहुंची। बेटे के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने भी बेटे को अरेस्ट कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया।
मां का कहना है कि बेटे को झूठे केस में फंसाने, महिला द्वारा यौन शोषण करने की शिकायत लेकर लगातार महिला थाने, एसपी ऑफिस गई। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। बेटे ने महिला के साथ बलात्कार नहीं किया, बल्कि बेटे के साथ महिला ने डरा-धमकाकर बलात्कार किया है। महिला, उसके पति, ससुर और परिवार वालों ने मारपीट की है। इन सबके खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए भटक रही हूं।
बच्चे की मां के अनुसार, महिला ने तबीयत खराब होने का कहकर मदद के लिए बुलाया और उसके साथ गलत काम किया।
बच्चे की मां के अनुसार, महिला ने तबीयत खराब होने का कहकर मदद के लिए बुलाया और उसके साथ गलत काम किया।
विशेष किशोर पुलिस युनिट में भी नहीं हुई सुनवाई
कानून विशेषज्ञों की माने तो पॉक्सो एक्ट की धारा 19 में विशेष किशोर पुलिस युनिट की स्थापना की गई है। ऐसे बालकों के साथ हुई किसी भी प्रकार की घटना या घटना होने की सम्भावना के आधार पर इस युनिट पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। महिला विशेष किशोर पुलिस युनिट के ऑफिस भी पहुंची। शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई।
बाल कल्याण समिति ने नाबालिग के लिए बयान
नाबालिग की मां इसके बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंची। बेटे की साथ हुई आपबीती बताई। समिति सदस्यों ने नाबालिग को बुलाकर बयान लिए। जिसमें नाबालिग ने महिला द्वारा उसके साथ यौन शोषण की बात बताई। इस आधार पर बाल कल्याण समिति ने किशोर न्याय बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट को घटनाक्रम से अवगत कराते हुए आगे की कार्रवाई को लेकर लेटर लिखा है।
समिति अध्यक्ष बोले- नियमों का उल्लंघन हुआ
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शंभू चौधरी का कहना है-
नाबालिग पर रेप केस दर्ज करने से पहले पुलिस को कानूनी राय लेनी थी। पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम का उल्लंघन किया है। लगता है महिला के कहने पर एकतरफा केस दर्ज किया। बालक से भी पुलिस ने पूछताछ नहीं की। हमने बालक के बयान लिए हैं।
केस-2: 17 वर्षीय नाबालिग से निकाह की जिद पर अड़ी महिला
दूसरा मामला शहर के डीडी नगर थाना अंतर्गत हाट की चौकी क्षेत्र का है। 9 जून की रात 35 साल की एक महिला 17 साल के नाबालिग के घर जाकर बैठ जाती है। नाबालिग से शादी की जिद को लेकर हंगामा करती है। नाबालिग के परिजन को पुलिस को बुलानी पड़ी। पुलिस अगले दिन 10 जून को नाबालिग के पिता की रिपोर्ट पर महिला के खिलाफ पॉक्सों एक्ट समेत धारा 119(1), 331 (2), 351(3), 7, 8 में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लेती है। जेल भेज दिया जाता है।
14 और 9 साल के 2 बच्चों की मां है महिला
महिला पहले से शादी शुदा है। 14 साल की बेटी व 9 साल का बेटा भी है। नाबालिग के पिता ने महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने अवैध काम के लिए मजबूर करने, घर में घुसने, धमकी देने के साथ ही पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया। 10 जून को महिला को अरेस्ट कर जेल भेज दिया। हालांकि, बाद में उसकी जमानत हो गई।
नाबालिग के पिता का कहना था कि उनके दो बेटे व दो बेटियां हैं। छोटे बेटे की उम्र 17 साल 11 माह है। वह 10वीं में पढ़ रहा है। क्षेत्र में किराए के मकान में रहने वाली महिला बार-बार बेटे को घर पर बुलाती थी। मैंने उस महिला से पूछा कि तुम मेरे बेटे को बार-बार अपने घर पर क्यों बुलाती हो तो उसने कहा कि मेरे घर पर कोई नहीं रहता है तो मैं काम के लिए उसे बुलाती रहती हूं।
बेटे ने बताया था यह महिला मुझे डरा-धमकाकर जान से मारने की धमकी देकर घर पर बुलाती थी। महिला मुझसे कहती थी कि तू मुझसे निकाह कर नहीं तो मैं तुझे जान से खत्म कर दूंगी। इस पर मैंने उस महिला को कहा कि तू मेरे बेटे को क्यों डरा-धमका रही है।
मेरा बेटा नाबालिग है वह तुझसे निकाह कैसे कर सकता है। 9 जून की रात 10.30 बजे यह मेरे घर आई। घर के अंदर आकर कहने लगी मैं तुम्हारे बेटे से ही निकाह करूंगी। बिना निकाह के मैं यहां से नहीं जाऊंगी। हंगामा करने लगी। मैंने पुलिस को कॉल किया। पुलिस आई और समझा-बुझाकर महिला को लेकर गई।
दो शादी पहले भी कर चुकी है, तलाकशुदा है महिला
पुलिस में दर्ज नाबालिग बेटे के पिता की तरफ से दर्ज एफआईआर के अनुसार आरोपी महिला पहले से दो शादी कर तलाकशुदा है। पुलिस की माने तो आरोपी महिला ने पहली शादी 15 साल पहले एक युवक का धर्म परिवर्तन करवाने के बाद उससे की थी। उसी से इसके दो बच्चे हैं। पहले पति की मौत हो चुकी है। 4 साल पहले इसने जिले के बड़ावदा क्षेत्र के 18 साल के युवक से दूसरी शादी की। 2 साल बाद महिला पति से अलग रहने लगी। फिर उससे तलाक हो गया।
बाल कल्याण समिति ने एसपी को लिखा लेटर
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शंभू चौधरी ने बताया हमने एसपी अमित कुमार को लेटर लिखा है। उक्त दोनों मामलों में दोनों थानों द्वारा किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम के उल्लंघन किया है। 35 साल की महिला द्वारा 17 साल के नाबालिग से निकाह की जिद में डीडी नगर थाना पुलिस ने महिला के खिलाफ कार्रवाई की है, पॉक्सो एक्ट की कुछ धाराएं लगाई है, लेकिन पॉक्सो एक्ट की धारा 12 नहीं लगाई है। जिसमें दोषी को तीन साल की सजा का प्रावधान है।
15 साल के नाबालिग पर रेप के केस को लेकर लेटर में महिला थाने की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। लेटर में कहा गया कि महिला थाना पुलिस द्वारा पॉक्सो एक्ट नियम का मखौल उड़ाया है। महिला के खिलाफ यौन शोषण का केस होना था। रिपोर्ट दर्ज करने के पहले पुलिस ने क्या जांच-पड़ताल की। नाबालिग को सीधे केस कर बाल संप्रेक्षण भेज दिया। जब वह जमानत पर बाहर आया तो पुलिस ने उससे पूछताछ की या नहीं।