KHABAR: 183 करोड़ रुपए का फर्जी बैंक गारंटी घोटाला, इंदौर की कंपनी ने लिए 974 करोड़ के ठेके, CBI ने पीएनबी के सीनियर मैनेजर समेत दो को पकड़ा, पढ़े खबर

MP 44 NEWS June 21, 2025, 4:15 pm Technology

भोपाल - मध्यप्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) की तीन सिंचाई परियोजनाओं के लिए 183.21 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जमा कर 974 करोड़ रुपए के ठेके लेने के मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने इस घोटाले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का सीनियर मैनेजर गोविंदचंद्र हंसदा और दूसरा आरोपी मोहम्मद फिरोज खान शामिल है। दोनों को कोलकाता से गिरफ्तार कर रिमांड पर इंदौर लाया गया है। गुजरात की कंपनी ने इंदौर में खोला था दफ्तर CBI की जांच में सामने आया है कि यह फर्जीवाड़ा गुजरात की तीर्थ गोपीकॉन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने किया, जिसका मुख्यालय अहमदाबाद में है, जबकि इंदौर में इसका कार्यालय अमर मेट्रो भवन, पागनीसपागा में स्थित है। कंपनी के एमडी महेश भाई कुंभानी, डायरेक्टर चंद्रिकाबेन और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पल्लव कुंभानी हैं। कंपनी कई शहरों में जल परियोजनाओं और स्मार्ट सिटी के तहत निर्माण कार्यों में सक्रिय है। तीन सिंचाई परियोजनाओं में दी गई थीं फर्जी गारंटियां मामला साल 2023 का है जब MP जल निगम ने इंदौर स्थित इस निजी कंपनी को 974 करोड़ रुपए की लागत के तीन सिंचाई प्रोजेक्ट्स आवंटित किए थे। इसके लिए कंपनी ने PNB की कोलकाता स्थित नॉर्थ 24 परगना ब्रांच की फर्जी बैंक गारंटियां दी, जिनकी कुल वैल्यू 183.21 करोड़ रुपए थी। फर्जी मेल आईडी से दी गई बैंक गारंटी की ‘पुष्टि’ CBI की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने जल निगम को PNB के ऑफिशियल डोमेन से मिलती-जुलती फर्जी मेल आईडी के जरिए ईमेल भेजा। इन मेल्स में गारंटी को वैध बताया गया था। जल निगम ने इन मेल्स के आधार पर ही कंपनी को तीनों परियोजनाओं के ठेके दे दिए।25 अप्रैल 2025 को जल निगम ने इन गारंटियों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कंपनी को नोटिस जारी किया। इसके बाद कंपनी हाईकोर्ट पहुंची और दावा किया कि उन्हें खुद भी गारंटियों के फर्जी होने की जानकारी जल निगम के नोटिस से ही मिली। कंपनी का आरोप है कि असल धोखाधड़ी बैंक अधिकारियों द्वारा की गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर CBI जांच शुरू मामला इंदौर के रावजी बाजार थाने में दर्ज किया गया था, जिसके बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस घोटाले की जांच CBI को सौंपी। हाईकोर्ट ने कंपनी को एक माह में वैध बैंक गारंटी प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया था और तब तक किसी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। 5 राज्यों में 23 ठिकानों पर CBI की छापेमारी CBI ने 19 और 20 जून को मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुजरात, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 23 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज, ईमेल सर्वर की कॉपियां और डिजिटल डेटा जब्त किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि कोलकाता का एक संगठित गिरोह फर्जी बैंक गारंटियों के जरिए देशभर में सरकारी ठेकों की लूट में शामिल है। यह गिरोह अब तक कई राज्यों में इसी तरह की ठगी कर चुका है।

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