नीमच | जिले की सभी उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं, चिन्हित कर, उनका निरंतर फालोअप सुनिश्चित करें। उक्त निर्देश कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने जिला स्तरीय मातृ मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए मैदानी अमले को प्रदाय किए। कलेक्टर चंद्रा ने कहा, कि प्रत्येक गर्भवती महिला का प्रथम त्रैमास में पंजीयन कर, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का चिन्हाकन कर, उनका निरंतर फालोअप करे। साथ ही महिला की प्रसव की संभावित तिथि के 7 दिवस पूर्व बर्थ वेटिंग रूम में भर्ती कराए। इस प्रकार की महिला का जिले से सीएचओ स्तर तक निरंतर फालोअप किया जाए तथा चिकित्सकीय आवश्यकता होने पर अस्पताल में भर्ती करवाया जाए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.के.खद्योत, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ.महेन्द्र पाटील, ओआईसी, स्वास्थ्य पराग जैन, सहित जिला चिकित्सालय के स्त्री रोग विशेषज्ञ, खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं मृतक महिला के परिजन उपस्थित थे। बैठक में माह अप्रेल से नवम्बर तक हुई, 9 मातृ मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा की गई और संबंधित के परिजनों से भी चर्चा कर जानकारी ली गई। समीक्षा में विभिन्न कारण एवं देरी का स्तर चिन्हित कर, उन्हें सुधारने हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश डॉ.बी.एल.सिसोदिया, जिला स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। मृत्यु के कारणों के विशलेषण में संज्ञान में आया, कि अभी भी कई परिजनों द्वारा 5 बच्चों के उपरांत भी परिवार कल्याण के साधनों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने मातृ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा साथ में करने के निर्देश भी दिए।