चीताखेडा-8अक्टूबर।वर्षा काल की विदाई होते होते एक बार फिर पलट कर अपना आक्रामक रूप में झलक दिखाते हुए शुक्रवार- शनिवार को उमड घुमडकर काली घटाएं मंडराने लगी और एक बार फिर बारिश शुरू हो गई। पिछले वर्षों के सारे रिकॉर्ड तोड़ने के बाद भी बारिश के बरसने का सिलसिला रुक-रुककर निरतंर जारी हैं,और आसमान पर डेरा डाले काले बदरा ने एक बार फिर अपना जलवा दिखाया और रुक-रुककर बारिश के कारण खेतों मे खडी खरीफ की बेशकीमती सोयाबीन, उडद,मूगफली आदि फसल पुरी तरह से चोपट हो गई हैं।सोयाबीन की फसलें पककर तैयार हो चुकी हैं और फली मे ही अंकुरित हो रही हैं।
पिछले साल अतिवृष्टि के कारण किसानों के सपने चकनाचूर कर दिए।प्रकृति का मारा किसान कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा हैं।सावन की बारिश की तरह झडी लग गई भादों मे सावन की झडी से पुरा अंचल पानी-पानी हो गया। शुक्रवार को दिन भर तेज धुप रही दोपहर होते होते काली घटाएं उमड घुमड़ करते हुए बरस पडी जो रात भर चलती रही जिससे खरिफ सीजन की मुख्य फसल एक बार फिर लगातार नुकसानी झेल रही हैं।पहले पिला मौजेक व अफलन फिर इल्लियों का हमला तो अब जब सोयाबीन कटने लगी तो बारिश थमने का नाम नहीं ले रही हैं।मानसून की सक्रियता के कारण सितंबर से लगातार हो रही बारिश ने अंचल मे किसानों के सामने मुश्किलें खडी कर दी हैं। जिन किसानों ने पहली बारिश में सोयाबीन कि बोवनी कर दी थी वह फली मे ही अंकुरित हो रही हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा हैं वहीं सोयाबीन भी दागी होना शुरू हो गया हैं।इससे जो किसान जैसे तैसे सोयाबीन लेकर मंडी मे पहुंच रहे है उन्हें आधे दाम भी नहीं मिल रहा हैं।
पुरी वर्षाकाल मे झमाझम बारिश के लिए तरस रहे पर रिमझिम ही होती रही ।बरसात के विदाई का समय आया तो विदाई की बजाए आगमन हो गया और खाली पडे नदी नाले,कुआं-बावडी एक बार फिर उफान पर आ गए ।सोयाबीन की कटचूकी फसलें तेज बहाव मे बहकर अन्य खेतों मे चली गई।सोयाबीन,उडद और मक्का अंकुरित होने लगी हैं पौधे सडने लगे हैं। पानी से भरे खेत फसलें काटना मुश्किल हो गया हैं।ऐसा ही चित्र हमें उपलब्ध हुआ हैं चीताखेडा के क्रृषक दिनेश बंजारा के खेत का जहां4बीघा खेत मे पानी भरा हुआ है जिसमें सोयाबीन की कोरियां तेरती देखी गई है । चंपालाल मीणा ने बताया है कि 4बीघा खेत मे एक क्विंटल सोयाबीन का बिज 10 हजार रुपए किंव्टल के भाव से खरिद कर बोवनी करी,3 बेग खाद के डाले और निदाई कुरपाई और इल्लियों पर किट नाशक दवाई का छिडकाव किया ऐसा कर 28 हजार रुपये का खर्चा हुआ।डेढ बोरी एक बीघे के हिसाब से पेदावारि हुई।
नायनखेडी के किसान जगदीश चन्द्र पाटीदार ने बताया कि 20बीघा खेत मे सोयाबीन बोई लगातार बारिश होने से खडी खेत मे पानी भरा रहने से फसलें सडने लगी हैं। चीताखेडा के किसान रतनलाल माली ने बताया कि लगातार बारिश के चलते सोयाबीन दागी हो रही हैं बदबू मारने लगी हैं और मंडी मे भी इसका भाव नहीं मिल रहा हैं 15दिन पुर्व सोयाबीन के भाव 8हजार रुपये प्रति किव्टल चल रहा था वहीं दागी सोयाबीन को नई बताकर3हजार से 4हजार रुपये तक किसानों को उपज के दाम लगाएं जा रहे हैं । मांगीलाल रावत ने बताया है कि 3बीघा खेत मे सोयाबीन फसल बोई थी जिसमें मात्र डेढ़ बोरी सोयाबीन की पेदावारि हुई। खेत मे पानी भरा हुआ है फसल की कटाई कैसे करे।3बीघा की फसल कटाई मे 18मजदूर लगे।प्रति मजबूर400रुपये ले रहे हैऔर फसल निकलने के लिए थ़ेशर मशीन वाला 1200रुपये प्रति घंटे के मान से ले रहे हैं।
पिछले वर्ष भी हुआ था भारी नुकसान,न मिला मुआवजा और न मिला बीमा
गत वर्ष भी अतिवृष्टी के कारण खरिफ कि फसल चोपट हुई और रबी की फसल शित लहर के कोप का भाजन बन गई । किसान पर कभी प्राकृतिक प्रकोप तो कभी सरकार की अनदेखी किसान हेरान और परेशान हैं।प्रभावित हुई फसलों का कई किसानों को आज तक न तो मुआवजा और ना ही बीमा मिला।