नीमच - मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीमच, वीरेंद्र सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में तहसील न्यायालय जावद में नवनिर्मित मध्यस्थता केंद्र भवन का वर्चुअल शुभारंभ संपन्न हुआ।
इस अवसर पर माननीय मुख्य न्यायाधिपति, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सुरेश कुमार कैत, माननीय न्यायाधिपति, कार्यपालक अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव सचदेवा, एवं माननीय न्यायाधिपति, उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर एवं पोर्टफोलियो जज नीमच गजेंद्र सिंह, वर्चुअल मौजूद रहे। उनके कर-कमलों से वर्चुअल रूप से तहसील मध्यस्थता केन्द्र का अनावरण किया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, तहसील विधिक सेवा समिति जावद विनोद कुमार पाटीदार, तहसील अभिभाषक संघ जावद के अध्यक्ष विजय जोशी, जिला न्यायाधीश संदीप जैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार बोरासी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीमच शोभना मीणा, न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पा तिलगाम एवं रवि वर्मा उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह राजपूत ने अपने उदबोधन में कहा, कि मध्यस्थता प्रणाली न्यायिक प्रक्रिया को सरल, त्वरित एवं कम खर्चीला बनाती है। इससे पक्षकारों के बीच आपसी समझ और सुलह की भावना विकसित होती है, जिससे दीर्घकालिक विवादों का समाधान सहज रूप से संभव हो पाता है। नवनिर्मित केंद्र के माध्यम से अब जावद तहसील क्षेत्र में भी मध्यस्थता के प्रभावी क्रियान्वयन को साकार रूप मिलेगा।
कार्यक्रम में तहसील अभिभाषक संघ जावद के पदाधिकारीगण एवं अधिवक्तागण उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा उपस्थित अधिवक्ताओं के साथ विधिक विषयों एवं मध्यस्थता की कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की गई।