मध्यप्रदेश में गर्मी के तीखे तेवर देखने को मिल रहे हैं। शुक्रवार को सीजन में पहली बार दिन का पारा 44 डिग्री के पार पहुंच गया। खजुराहो, गुना और नौगांव सबसे ज्यादा गर्म रहे। यहां पारा 44 डिग्री या इससे अधिक रहा। वहीं, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन-जबलपुर समेत 28 शहर ऐसे रहे, जहां सबसे ज्यादा तपिश रही। अगले 3 दिन तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, गर्म हवाओं की वजह से पारे में बढ़ोतरी हुई है। सुबह से ही सूरज की तेज धूप चुभने लगती है। दोपहर 12 बजे के बाद गर्मी बढ़ जाती है। इस कारण दिन के साथ रातें भी गर्म हैं।
प्रदेश में सबसे गर्म रहा छतरपुर
शुक्रवार को छतरपुर जिला सबसे गर्म रहा। यहां के दो शहर खजुराहो और नौगांव में पारा क्रमश: 44.6 डिग्री और 44 डिग्री दर्ज किया गया। गुना में 44.3 डिग्री रहा। इसी तरह रतलाम, सागर-सीधी में 43.8 डिग्री, दमोह में 43.6 डिग्री, सतना-शाजापुर में 43.1 डिग्री, नर्मदापुरम-रीवा में 42.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 42.3 डिग्री, शिवपुरी-रायसेन में 42 डिग्री, मंडला में 42 डिग्री, धार में 41.9 डिग्री, उमरिया में 41.7 डिग्री, खरगोन में 41.4 डिग्री, मलाजखंड में 41 डिग्री, सिवनी में 40.4 डिग्री, बैतूल में 40.2 डिग्री, खंडवा में 40.1 डिग्री और छिंदवाड़ा में पारा 40 डिग्री दर्ज किया गया।
प्रदेश के बड़े शहर- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर भी सीजन के सबसे गर्म रहे। ग्वालियर में सबसे ज्यादा 43 डिग्री, उज्जैन में 42.8 डिग्री, भोपाल में 42.2 डिग्री, जबलपुर में 42.1 डिग्री और इंदौर में तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, 28 शहरों में पारा 40 डिग्री या इससे अधिक रहा। ऐसा सीजन में पहली बार हुआ, जब इतने अधिक शहरों में भीषण गर्मी पड़ी हो।
3 दिन बाद पारे में गिरावट
मौसम वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि तीन दिन के बाद पारे में हल्की गिरावट हो सकती है, लेकिन इससे पहले भीषण गर्मी रहेगी।
तीसरा सप्ताह: उत्तर-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के साथ इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, नर्मदापुरम संभागों में न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। पूरे प्रदेश में दिन में अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। 2 से 3 दिन लू चल सकती है। हल्की बारिश होने की संभावना है।
चौथा सप्ताह: उत्तर-पश्चिमी हवाओं के लगातार जोर पकड़ने के साथ न्यूनतम तापमान पूरे प्रदेश में सामान्य से 3-4 डिग्री अधिक यानि 27 से 30 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। दिन के साथ रातें भी गर्म हो जाएंगी। ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग में पारा 43-45 डिग्री जबकि इंदौर, उज्जैन-भोपाल सहित बाकी प्रदेश में 41 से 44 डिग्री सेल्सियस तापमान रह सकता है। बंगाल क्षेत्र में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की वजह से अप्रैल के आखिरी में 3 से 4 दिन तक लू का असर रह सकता है।
पहले-दूसरे सप्ताह में तेज गर्मी और बारिश
अप्रैल के पहले और दूसरे सप्ताह में तेज गर्मी और बारिश का दौर बना रहा। पहले सप्ताह में सभी संभागों में सामान्य से 2-3 डिग्री ज्यादा 21-24 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, दिन में पश्चिमी गर्म हवाओं के कारण अधिकतम तापमान इंदौर, सागर और नर्मदापुरम संभागों में सामान्य से ज्यादा 39 से 44 डिग्री तक पहुंच गया। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर समेत बाकी संभागों में यह 41 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। पहले सप्ताह रतलाम में लू चल चुकी है। वहीं, बाकी शहरों में गर्म हवाओं से गर्मी बढ़ी रही।
दूसरे सप्ताह में पूरे प्रदेश में तेज आंधी, बारिश, ओले और गरज-चमक की स्थिति बनी रही। प्रदेश के 80 प्रतिशत हिस्से में बारिश हुई। दूसरी ओर, कुछ जिलों में गर्मी का असर भी रहा।
अब हीट वेव चलेगी
अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा मध्यप्रदेश में मार्च से गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाती है। इसी ट्रेंड के अनुसार अगले 3 महीने तेज गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग ने मई तक 15 से 20 दिन हीट वेव चलने का अनुमान जताया है। अप्रैल-मई में 30 से 35 दिन तक गर्म हवा चल सकती है। अप्रैल में दूसरे पखवाड़े में अलग-अलग जिलों में हीट वेव का असर देखने को मिलेगा।
अब जानिए, 10 साल की डेटा बेस्ड स्टडी के बारे में
मध्यप्रदेश में अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से गर्मी का असर तेज होने लगता है। महीने के आखिरी दिनों में तो तापमान रिकॉर्ड तोड़ देता है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के 10 साल की डेटा बेस्ड स्टडी में सामने आया कि भोपाल-इंदौर में पारा 43 डिग्री तक पहुंचा जबकि जबलपुर में आंकड़े ने 44 डिग्री को छू लिया। ग्वालियर में तो तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। पिछले तीन साल इन शहरों में तेज गर्मी पड़ी। इस बार भी तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है।
भोपाल: 1996 में पड़ी थी सबसे ज्यादा गर्मी, बारिश भी हुई
अप्रैल में गर्मी के ट्रेंड की बात करें तो भोपाल में 29 अप्रैल 1996 को अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। इस महीने भोपाल में बारिश-आंधी के आसार भी बनते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से अप्रैल में बारिश का दौर चल रहा है।
20 अप्रैल 2013 को भोपाल में 24 घंटे के भीतर 30.8 मिमी यानी एक इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, 2023 में 22.6 मिमी पानी गिरा था। 17-18 अप्रैल को तापमान 40.9 डिग्री सेल्सियस रहा था।
इंदौर में पिछले साल गिरा था 22.3 मिमी पानी
इंदौर में भी पारा 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, 25 अप्रैल 1958 को सर्वाधिक 44.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। इस महीने यहां भी मौसम में बदलाव देखने को मिलता है। इसके चलते बादल छाए रहते हैं तो बौछारें भी गिरती हैं।
इंदौर में पिछले साल 22.3 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2014 से 2024 के बीच 6 साल बारिश हो चुकी है।
जबलपुर में तेज गर्मी का ट्रेंड
जबलपुर की बात करें तो यहां एक बार पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 28 अप्रैल 1970 को दिन का तापमान 45.4 डिग्री रहा था। अप्रैल में यहां भी बारिश होने की संभावना रहती है।
रिकॉर्ड के अनुसार, 3 अप्रैल 1935 को 24 घंटे के भीतर 50.3 मिमी बारिश हुई थी, जो दो इंच के करीब है। 2023 में 20.2 मिमी बारिश हुई थी। इस साल 19 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था।
ग्वालियर में पड़ती है सबसे ज्यादा गर्मी
ग्वालियर में अप्रैल की गर्मी का ट्रेंड बाकी शहरों से अलग रहता है। यहां ज्यादा गर्मी पड़ती है। बीते 10 साल में यहां पारा एक बार 45 डिग्री और 3 बार 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। 28 अप्रैल 1958 को तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
एक दिन में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड वर्ष 1909 में बना था। 22 अप्रैल को कुल 67.6 मिमी बारिश हुई थी। इसी साल अप्रैल महीने में साढ़े 4 इंच पानी गिरा था। 2023 में भी बारिश हुई थी।
उज्जैन में भी गर्मी, बारिश का ट्रेंड
उज्जैन में भी अप्रैल महीने में गर्मी और बारिश का ट्रेंड रहता है। 18 अप्रैल 2010 को तापमान रिकॉर्ड 45.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं, 2014 से 2023 के बीच दो बार पारा 43 डिग्री के पार जा चुका है। पिछले साल एक बार तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं, पूरे महीने 1 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।