नीमच - रिजनल हॉकी टुर्नामेंट 22 से 26 अप्रैल तक ग्वालियर में आयोजित किया गया। स्पर्धा में नीमच की अंडर 17 बालिका टीम ने दम दिखाते हुए लगातार 10वीं बार फायनल पर कब्जा जमाया है। खास बात यह है कि नीमच में कंकर भरे मैदान में प्रेक्टिस करने वाली बालिकाओं ने लगातार टर्फ मैदान पर प्रेक्टिस करती हुई अन्य जिलों की टीमों को मुकाबलो में हराकर फायनल में गोल्ड मेडल जीता है। टीम के नीमच पहुंचने पर कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्यत तरूण बाहेती ने रेलवे स्टेशन पहुंच कर टुर्नामेंट जीत कर नीमच लौटी बालिकाओं का उत्साहवर्धन किया और जनप्रतिनिधियों से नीमच के हॉकी खिलाड़ियों के लिए टर्फ मैदान बनाने की मांग रखी।
बता दें कि नीमच जिले में प्रतिभाओं की कमी है,जरूरत है, तो सिर्फ उन्हें निखारने की। चाहे वह फुटबॉल का खेल हो या क्रिकेट, या फिर तैराकी व बॉस्केट बॉल या फिर हॉकी। हर क्षेत्र में नीमच के खिलाड़ियों ने अपनी छाप छोड़ी है और राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहुंचान बनाई है। इसके साथ ही नीमच की अंडर 17 बालिका हॉकी टीम पिछले 10 सालों से रिजनल टुर्नामेंट जीतने का कामयाब हो रही है, वो भी तब जब अन्य जिला या संभाग जैसा नीमच में हॉकी की प्रेक्टिस करने का टर्फ मैदान उपलब्ध नहीं है। 10वीं बार 22 से 26 अप्रैल तक ग्वालियर हॉकी का रिजनल टुर्नामेंट हुआ था और स्पर्धा में हिस्सा लेने आई हुई टीमें अपने जिलों में लगातार टर्फ मैदान पर प्रैक्टिस करती हैं और यह सभी मैच भी टर्फ मैदान पर खेले गए थे,जबकि नीमच की टीम ने कंकर भरे मैदान पर प्रेक्टिस करती है। बावजूद इसके नीमच अंडर 17 बालिका टीम के खिलाड़ियों ने अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया और टुर्नामेंट के सभी मैच जीतने के साथ ही फायनल मैच में टर्फ मैदान पर प्रेक्टिस करने वाली मंदसौर की अंडर 17 बालिका टीम को हरा कर फायनल मैच में विजयश्री हासिल कर गोल्ड मेडल जीता।
रिजनल टुर्नामेंट का फायनल जीतने के बाद रविवार को दोपहर नीमच की अंडर 17 बालिका हॉकी टीम नीमच पहुंची, तो कांग्रेस के प्रदेश सचिव व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती बालिकाओं के परिजनो सहित कई लोगों ने स्टेशन पहुंच कर विजेता बनकर लौटी अंडर 17 बालिका हॉकी टीम का स्वागत कर उत्साहवर्धन किया। इस मौके पर मीडिया से चर्चा में बालिकाओ ने अपने अनुभव साझा किए, तो जिला हॉकी संघ के सचिव बाबूराम क्षेत्री ने मीडिया को बताया कि यह नीमच की अंडर 17 बालिका हॉकी टीम और प्रशिक्षकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि अल्प सुविधाओं के बीच टीम ने लगातार 10वीं बार रिजनल टुर्नामेंट में गोल्ड मैडल जीत कर नीमच का रोशन किया है। श्री क्षेत्री ने बताया कि बालिकाओं को प्रशिक्षण जिला हॉकी संघ की कोच प्रियंका जोहरी और परवेज द्वारा दिया जा रहा है। कोच प्रियंका जोहरी खेलो इंडिया खेला की प्रतिभागी रह चुकी है।
बालिकाओं की उपलब्धि नीमच के जनप्रतिधियों को आईना दिखाना जैसा
कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने लगातार 10वीं बार नीमच की बालिकाओं को द्वारा गोल्ड मेडल जीतने पर कहा कि नीमच की बालिकाओं की टीम ने चक दे इंडिया जैसा काम किया है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं ने इस बात को साबित कर दिया है कि अल्प सुविधाओं में अच्छे परिणाम लाए जा सकते हैं और सुविधाएं मिलेगी, तो नीमच की बेटिया रिजनल ही नहीं स्टेट और नेशनल स्तर भी नीमच का नाम रोशन करेगी। श्री बाहेती ने कहा कि नीमच के लिए गर्व की बात है कि रिजनल टुर्नामेंट में फायलन जीतने पर नीमच की 8 बालिका का नेशनल टीम में चयन भी हुआ है। उन्होंने कहा कि नीमच में हॉकी ग्राउंड के नाम स्वीमिंग पूल के सामने कन्या स्कूल का मैदान है, जो कंकर से पटा हुआ है, जिसमें प्रेक्टिस के दौरान कई बार बालिकाएं चोंटिल हो जाती है, बावजूद उसके उन्होंने कंकर भरे मैदान में प्रेक्टिस के बाद भी टर्फ मैदान पर प्रेक्टिस वाली बड़े जिलों की टीमों को अपने खेल कौशल का प्रदर्शन कर नीमच का नाम रोशन किया। श्री बाहेती ने कहा कि बालिकाओं की यह उपलब्धि नीमच के उन जनप्रतिनिधियों को आईना दिखाने जैसा है जो खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का दिखावा करते हैं। लेकिन टर्फ मैदान जिसे सुविधा उपलब्ध नहीं कराते। श्री बाहेती ने कहा कि नीमच के विधायक दिलीपसिंह परिहार खिलाड़ियों का भला सोचते, तो नीमच में खेल मैदान खत्म नहीं होते और आज हॉकी खिलाड़ियों के टर्फ मैदान उपलब्ध होता, लेकिन नीमच के हॉकी खिलाड़ियों को कंकर भरे मैदान में प्रेक्टिस करने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए नीमच में टर्फ मैदान बनाना चाहिए।