भोपाल -
मध्यप्रदेश समेत 7 राज्यों में निवेश के नाम पर 2283 करोड़ ठगने वाले लविश चौधरी का एक वीडियो सामने आया है। वह जूम मीटिंग लेकर निवेशकों को भरोसा दिला रहा है कि उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे फर्जी हैं। वो कह रहा है कि सभी के पैसे अगस्त में मूल रकम और प्रॉफिट सहित लौटा देगा।
लविश का यह वीडियो एक महीने पुराना बताया जा रहा है। तब उसके खिलाफ ईडी में केस दर्ज किया जा चुका था। जबकि एमपी एटीएस भी जांच कर रही थी।
यही नहीं केस दर्ज होने के बावजूद वह दुबई में बैठकर अपने एजेंट्स के जरिए ठगी का पूरा नेटवर्क ऑपरेट कर रहा है। कंपनी के एजेंट अब भी महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में सक्रिय हैं।
इधर, भोपाल एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया का कहना है कि मामले की जांच एसआईटी की अलग-अलग टीमें कर रही हैं। स्पेशल डीजे पंकज कुमार श्रीवास्तव पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दुबई में बैठे लविश की गिरफ्तारी के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया जाएगा। लविश को पकड़ने के लिए ईडी ने पहले ही लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है।
25 हजार लोगों को 43 मिनट किया संबोधित
लविश चौधरी ने जूम मीटिंग में 25 हजार से ज्यादा लोगों को 43 मिनट तक संबोधित किया था। मीटिंग में वह बताता नजर आया कि उसने 2020 में 9 लोगों के साथ क्यूएफएक्स कंपनी से कारोबार शुरू किया था। इसके बाद उसने 5 साल में पूरा कारोबार फैलाया है।
उसने कहा कि कितना भी टफ टाइम हो, उस सिचुएशन में लोग साथ खड़े हों, तो सब आसान हो जाता है। मुझे लगता है कि हमने जो भी इतिहास रचे हैं, वे आगे सब छोटे पड़ने वाले हैं। ना मैं हारा हूं और ना आपको हारने दूंगा। सब मिलकर चलेंगे तो बहुत आसान हो जाएगा। गिवअप न करना है, और न करने दूंगा।
जालसाजी और गबन का केस दर्ज हुआ था
लविश चौधरी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का रहने वाला है। वहां पर उसके खिलाफ पहले ही जालसाजी और गबन के केस दर्ज हैं। वांटेड लविश चौधरी ने इसी साल जनवरी 2025 में थाईलैंड में कंपनी की मीटिंग कराई थी।
इसमें भारत से भी कई लोग वहां पहुंचे थे। हाल ही में हुई मीटिंग में लविश चौधरी ने दावा किया कि उसके नेटवर्क में सैकड़ों कंपनियां मर्ज हुई हैं।
फिरौती के लिए भाई का हो चुका है अपहरण
7 मई 2024 को लविश चौधरी उर्फ नवाब खान के भाई साजिद का कुछ युवकों ने घर से बुलाकर अपहरण कर लिया था। पुलिस ने उसे मेरठ से बरामद किया था। मामले में खतौली निवासी गौरव, अनुराग, सूरज, आशीष के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। बताया गया कि इस अपहरण से पहले ही लविश दुबई जा चुका था, क्योंकि वह तेजी से लोगों की नजर में आने लगा था।
पुलिस द्वारा भाई को छुड़ाए जाने के बाद वह अपने परिवार के सभी सदस्यों को भी दुबई ले गया। परिवार के सदस्य अब दुबई में उसके पास ही रह रहे हैं। वहीं से लविश वर्चुअल मीटिंग कर ठगी के नेटवर्क का संचालन कर रहा है।
लविश के गुर्गों तक ऐसे पहुंची एमपी एसटीएफ
इंदौर के रहने वाले ईशान सलूजा ने एसटीएफ को शिकायत दी थी कि यॉर्कर एफएक्स और यॉर्कर कैपिटल कंपनी में BOTBRO इन्वेस्टमेंट और फिक्स मुनाफे का झांसा देकर उनके साथ 20.18 लाख रुपए की ठगी की गई है।
ठगी करने वाले उन्हें टेलीग्राम एप पर मिले थे। लिंक देकर रजिस्ट्रेशन के नाम पर 18 हजार रुपए लिए। बाद में दिल्ली के रहने वाले दीपक शर्मा और मदन मोहन कुमार फ्लाइट से इंदौर आए और 20 लाख रुपए का चेक ले गए। रकम को कैश कराने के बाद उन्हें किसी तरह का रिटर्न नहीं दिया गया।
शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की। जांच में आरोपियों की पहचान कर दिल्ली से उन्हें गिरफ्तार किया था।
ईडी भी कर रही ठगी के इस मामले की जांच
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कंपनियों में निवेश के नाम पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और असम के हजारों लोगों से ऑनलाइन ठगी की गई है। ठगी की रकम रायडेंट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, किनडेंट बिजनेस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित 16 अलग-अलग करंट अकाउंट्स में मंगाई जाती थी।
रकम BOTBRO नाम से खुले बैंक खातों में डलवाई जाती थी। फिर मेटा-5 अकाउंट में इसे यूएस डॉलर में दिखाया जाता था। बाद में इस करेंसी को कन्वर्ट कर फॉरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग की जाती थी।
इस बारे में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी फेमा एक्ट के तहत जांच कर रहा है। फरवरी में लविश के शामली स्थित मकान पर ईडी ने छापेमारी की थी। यहां से 90 लाख रुपए कैश समेत 170 करोड़ की चल संपत्ति जब्त की गई थी।