इंदौर -
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को इंदौर की ट्रांजिट विजिट पर रहेंगे। सीएम खंडवा की कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित जल गंगा संवर्धन अभियान के राज्य स्तरीय समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसके बाद वे दादा धूनी वाले मंदिर आश्रम परिसर में आयोजित शिलान्यास एवं भूमि पूजन कार्यक्रम में भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री दोपहर 4 बजे मंडी स्थित हेलीपैड से इंदौर के लिए रवाना होंगे और 4:30 बजे इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद वे 4:35 बजे भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे।
खंडवा में इन कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन
मुख्यमंत्री जल संसाधन विभाग की चार सिंचाई परियोजनाओं- भाम राजगढ़ मध्यम सिंचाई परियोजना, बिहार सारोला बैराज, लाजैरा बैराज, और हापला दीपला लघु सिंचाई परियोजना का लोकार्पण करेंगे। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग ₹312.77 करोड़ है, जिनसे 8,557 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी। इससे 21 ग्रामों के लगभग 7,260 किसान लाभांवित होंगे।
इसके अलावा, ₹563 करोड़ की लागत से बनी जावर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का भी लोकार्पण किया जाएगा, जिससे खंडवा जिले के 52 गांवों के 21,666 किसानों की करीब 26,000 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी।
नगरीय विकास विभाग द्वारा अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत जल गंगा संवर्धन अभियान में ₹50 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार की गई 74 जल संग्रहण संरचनाओं का भी लोकार्पण किया जाएगा।
30 मार्च से शुरू हुआ था जल गंगा संवर्धन अभियान
प्रदेश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च से शुरू हुआ था। इसका उद्देश्य वर्षा की हर बूंद को सहेजना, पुराने जल स्रोतों का पुनरुद्धार करना और नई संरचनाओं का निर्माण करना था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसकी शुरुआत उज्जैन से की थी।
90 दिन तक चले इस अभियान में प्रदेशभर में 84,930 खेत-तालाब बनाए गए, जबकि लक्ष्य 77,940 था, यानी लगभग 7,000 अधिक तालाब बनाए गए। इनमें से कई तालाबों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में 1,283 अमृत सरोवर भी निर्माणाधीन हैं।
अभियान के अंतर्गत 20,955 पुराने जल संरक्षण कार्यों को भी पूरा किया गया।