भोपाल -
पासपोर्ट वेरिफिकेशन में उच्च स्तर की सेवा और सुशासन में योगदान के लिए मप्र पुलिस देश के शीर्ष चार राज्यों में शामिल हो गई है। इससे पहले, विदेश मंत्रालय की ओर से मप्र पुलिस का इस श्रेणी में 15वां स्थान था। हाल ही में दिल्ली में आयोजित 13वें पासपोर्ट दिवस समारोह में विदेश मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने मप्र पुलिस के आईजी कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह और एआईजी सुरक्षा विशेष शाखा विनीता मालवीय को सर्टिफिकेट ऑफ रिकग्निशन से सम्मानित किया।
इस मुकाम पर पहुंचने के लिए पुलिस को छह बिंदुओं पर काम करना पड़ा। इनमें सबसे खास वजह यह बनी कि मप्र में 2024-25 में कुल 2,93,170 पासपोर्ट का वेरिफिकेशन किया गया। इनमें 75% यानी 2,19,877 पासपोर्ट वेरिफिकेशन केवल 15 दिन के भीतर किए गए।
दावा यह भी है कि इस वित्तीय वर्ष में एक भी फर्जी पासपोर्ट नहीं बन पाया है। बाकी जो बचे, उनमें नाम-पता लिखने या कई जिलों से वेरिफिकेशन कराने जैसी तकनीकी परेशानी थी। इसलिए ऐसे मामलों में वेरिफिकेशन पूरा करने में 15 दिन से ज्यादा वक्त लगा।
ऐसे लक्ष्य हासिल किया
1. पासपोर्ट सत्यापन के काम को गति देने पुलिस मुख्यालय स्तर पर त्रैमासिक समीक्षा की गई। जिन जिलों में काम के परिणाम कमजोर थे, उन्हें लगातार निर्देश दिए गए।
2. 31 जुलाई 2024 को रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर (आरपीओ) के जरिए भोपाल पुलिस जोन में वेरिफिकेशन करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए वर्कशॉप आयोजित की गई।
3. पासपोर्ट पुलिस वेरिफिकेशन के काम को व्यवस्थित करने के मकसद से पुलिस मुख्यालय स्तर पर 1 अगस्त 2024 से नवीन पासपोर्ट पुलिस सत्यापन पोर्टल लागू किया गया। इससे सत्यापन के काम में तेजी और एक्यूरेसी बढ़ी ।
4. पुलिसकर्मियों द्वारा दस्तावेजों की बेहतर समझ देने के उद्देश्य से 12.12.2024 को पासपोर्ट सत्यापन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की गई।
5. मप्र पुलिस ने पासपोर्ट आवेदकों का सत्यापन सीसीटीएनएस/आईसीजेएस/ एनएफआईएस और पुलिस मुख्यालय स्तर पर इंडेक्स पोर्टल (नवीन पासपोर्ट सत्यापन) से किया। इससे एक भी फर्जी पासपोर्ट बनने की सूचना नहीं मिली।