रतलाम - रतलाम के जावरा में 24वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट रामबाबू पाठक ने शुक्रवार सुबह 11 बजे डिप्रेशन की 50 गोलियां खाकर सुसाइड की कोशिश की। परिजन उन्हें प्राइवेट क्लिनिक लेकर गए।
यहां से शुक्रवार दोपहर 1 बजे उन्हें रतलाम मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। इसके बाद उन्हें इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल भेजा गया है। रामबाबू की बेटी मुस्कान और परिजन एम्बुलेंस से लेकर उन्हें रवाना हुए हैं। उनका एक बेटा भी है जो भोपाल में रहता है। वो खबर मिलते ही इंदौर के लिए रवाना हो गया।
असिस्टेंट कमांडेंट की पत्नी और बेटी ने बटालियन के सीनियर अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि लगातार ड्यूटी के चलते रामबाबू डिप्रेशन में थे। शुक्रवार सुबह रामबाबू बटालियन की परेड में शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने सुसाइड नोट फेसबुक पर पोस्ट किया था, जिसे बाद में डिलीट कर दिया। बेटी मुस्कान ने बताया कि पापा ने दुनिया छोड़ कर जाने का एक लेटर लिखा है।
रोज कहते थे लाइफ खत्म कर लूंगा
रामबाबू की बेटी ने कहा- हमारे पास उनके डिप्रेशन में रहने के सभी डॉक्यूमेंट्स हैं। डॉक्टर तक ने ड्यूटी करने के लिए मना किया था, लेकिन विभाग ने उसे बहाना बताया। उन्होंने VRS लेने का भी विचार किया था। वो रोज बोलते थे कि मैं अपनी लाइफ खत्म कर लूंगा। हम एसपी सर को भी बताकर आए थे।
रामबाबू पाठक शुक्रवार सुबह परेड में गए थे। यहां से लौटकर सुसाइड का प्रयास किया।
रामबाबू को इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल रेफर किया गया। उनके साथ उनकी बेटी मुस्कान भी है।
रतलाम के अस्पताल से इंदौर रेफर करने के दौरान शहर के पुलिस अफसर साथ रहे।
असिस्टेंट कमांडेंट रामबाबू ने डिप्रेशन की 50 गोलियां एक साथ खाई हैं।
सूचना मिलते एसपी अमित कुमार समेत अन्य अधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
बेटी ने कहा-एक हफ्ते से बहुत परेशान थे
रामबाबू पाठक की बेटी मुस्कान ने कहा कि पापा का डिप्रेशन का ट्रीटमेंट 2020 से चल रहा था। दवाई चल रही थी, लेकिन वो एक हफ्ते से बहुत ज्यादा परेशान थे। इसीलिए उन्होंने जितनी टेबलेट्स घर पर रखी थीं, वो सब खा ली। उन्होंने एक नोट भी लिखा था, अब मैं नहीं काम करना चाहता, थक गया हूं।
बिना गलती विभागीय जांच की
बेटी ने कहा कि हम डीजीपी से लेकर एडीजी तक से मिले, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 23 बटालियन में बिना किसी गलती के उन पर डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी शुरू की गई। आखिरी में पता चला कि उनकी कोई गलती नहीं थी। जबसे इस बटालियन में आए तबसे यहां भी उन्हें वैसे ही प्रताड़ित किया जा रहा है। हम सबसे बोल-बोलकर थक गए कि सच में उनकी तबीयत खराब है, लेकिन किसी ने नहीं सुना। जबकि हमारे पास सभी डॉक्यूमेंट्स हैं।
जानबूझकर अफसरों ने 3 ACR खराब की
बेटी मुस्कान ने बताया कि मोहम्मद कुरैशी, कृष्णावेणी देशावतु, मिलिंद तानेश्वर, इरशाद वली, राहुल लोढ़ा, अमित तोलानी, इतने लोग हैं। इन्होंने कभी चैन से उन्हें जीने नहीं दिया। जबकि उनका एक काम कभी पेंडिंग नहीं रहता है। जानबूझकर उनकी तीन ACR (एनुवल काॅफिंडेशियल रिपोर्ट ) खराब कर दी गई। हमारे पास हर चीज की सबूत है। अगर मेरे पापा को कुछ हुआ तो मैं किसी को नहीं छोड़ूंगी।
रामबाबू ने ये नोट सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। जिसे बाद में डिलीट कर दिया। अब ये वायरल हो रहा है।