नीमच - जो दूसरों की सेवा और भगवान की भक्ति करें वही धनवान व्यक्ति है। जिसके पास पुण्य और सत्कर्म की पूंजी है वही व्यक्ति धनवान होता है। सत्कर्म से पुण्य कर्म बढ़ते हैं और पुण्य कर्म से सद्गति होती है।
यह बात गुरुदेव रुद्रदेव जी त्रिपाठी (जावद वाले) ने कहीं।वे श्री हरि सत्संग मंडल एवं भक्तगण के तत्वाधान में गोमाबाई रोड स्थित लायन्स डेन सभागार में 11 जुलाई से 6 अगस्त तक आयोजित 27 दिवसीय संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा एवं पार्थिव शिवलिंग पूजन अभिषेक एवं रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मनुष्य को में सब कुछ का अहंकार छोड़ना चाहिए तभी वह जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकता है।
सत्संग से विवेक मिलता है। विवेक से ही आत्मा का कल्याण होता है। सकाम और निष्काम भक्ति दो प्रकार की भक्ति होती है। निष्काम भक्ति में भक्त कुछ मांगता नहीं है। परमात्मा उसे देने को आतुर रहते हैं । भगवान को भक्त जिस नाम से पुकारता है भगवान उस रूप में उसे मिल जाते हैं। भक्त यदि कांटों की सैया पर चलता है तो भगवान उसके लिए फूल बिछाते हुए चलते हैं। भगवान भक्त का बहुत ध्यान रखते हैं वह उसे कष्ट नहीं पहुंचने देते हैं।भक्त के कष्ट के समय भगवान स्वयं पहुंच जाते हैं और उसके कष्ट दूर कर देते हैं इसलिए हमें भक्ति पवित्रता और समर्पण भाव से करना चाहिए तभी उसका फल मिलता है।शिव महापुराण कथा के मध्य रुद्र देवजी त्रिपाठी ने रसखान, वैद ,पुराण,विभिन्न धार्मिक विषयों का वर्तमान परीक्षण महत्व प्रतिपादित किया।
शिव महापुराण पोथी पूजन आरती में कन्हैयालाल माली, प्रेमचंद अहीर भोलियावास, सत्यनारायण पाराशर, हरीश उपाध्याय ,एम एल परिहार, राजेंद्र त्रिवेदी, एन के सोनार ,विजय जोशी, जगदीश माहेश्वरी, बाबूलाल सिंहल, मंजू ओझा, मीना धनोतिया, मधु शर्मा, दिलीप दुबे, गोपाल व्यास, बीएल धनोतियाआदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया
कार्यक्रम की श्रृंखला में सुबह 8 से 8:30 बजे तक वेद पाठ, 9 से 10 बजे तक हवन ,दोपहर 1 से 3 बजे शिव पुराण कथा, 3 से5बजे शिवलिंग पूजन अभिषेक, सोमवार पार्थिव पूजन अभिषेक,सवालाख महामृत्युंजय मंत्र जाप, काल सर्प पूजन हवन शांति सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। वेद पाठ, 9 से 10 बजे तक हवन ,दोपहर 1 से 3 बजे शिव पुराण कथा, 3 से 4:30 बजे तक शिवलिंग पूजन अभिषेक, पूजन अभिषेक,सवालाख महामृत्युंजय मंत्र जाप, पूजन हवन शांति सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं।