KHABAR: मेवाड़ यूनिवर्सिटी का फर्जी डिग्री मामला गर्माया, ABVP ने की ने जांच की मांग, मंत्री की छापेमारी के बाद खुली थी पोल, देखे MP44NEWS पर खास खबर

MP 44 NEWS August 2, 2025, 5:04 pm Technology

चित्तौड़गढ़ - चित्तौड़गढ़ जिले की गंगरार क्षेत्र में स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी डिग्री देने का मामला तूल पकड़ रहा है। शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सरकार से मामले की जांच की मांग की। साथ ही यूनिवर्सिटी में मिल रहे अन्य कोर्स की डिग्रियों की भी जांच की मांग की। एबीवीपी की जिला संयोजक अदिति कंवर भाटी ने बताया- मेवाड़ यूनिवर्सिटी लंबे समय से फर्जी डिग्री वितरण, फर्जी कोर्स और अवैध गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रही है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में कई ऐसे छात्र हैं, जिन्हें बिना पढ़ाई किए ही डिग्रियां मिल रही हैं। यहां तक कि कई बार फर्जी उपस्थिति रजिस्टर और नकली परीक्षा कॉपियों का भी इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा- एबीवीपी पहले भी राज्य सरकार से यूनिवर्सिटी की जांच की मांग कर चुकी है, लेकिन पूर्व की सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अब जब हाल ही में राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा खुद यूनिवर्सिटी पहुंचे और वहां छापा मारा, तब जाकर फिर से यह मामला चर्चा में आ गया। छापे के दौरान कई गड़बड़ सामने आईं दिति कंवर भाटी ने बताया- छापे के दौरान कई गड़बड़ सामने आईं। जैसे-बिना डिग्री वाले शिक्षक पढ़ा रहे हैं। फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। छात्रों से मोटी रकम वसूल कर डिग्रियां दी जा रही हैं। यह सब खासतौर पर गरीब और जनजाति वर्ग के बच्चों के साथ हो रहा है, जिनसे पैसों की वसूली कर उन्हें गलत तरीके से पास किया जा रहा है। उन्होंने कहा- यह केवल एक यूनिवर्सिटी का मामला नहीं है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र के लिए खतरे की घंटी है। इस तरह की अनियमितताओं से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। इसलिए एबीवीपी ने इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन इसके विरोध में एबीवीपी ने चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया। कहा- अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन किया जाएगा। परिषद ने सरकार से मांग की है कि यूनिवर्सिटी में चल रहे सभी कोर्सों और डिग्रियों की जांच कराई जाए ताकि दोषियों को सजा मिल सके और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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