KHABAR : आरोग्य भारती नीमच द्वारा धन्वन्तरी प्रकटोत्सव कार्यक्रम सम्पन्न, समुद्र मंथन का मानवीय स्वास्थ्य से गहरा सम्बन्ध है - डॉ.आशीष शर्मा

MP44NEWS October 28, 2024, 12:02 pm Technology

नीमच - डॉ. शर्मा आरोग्य भारती नीमच द्वारा आयोजित भगवान धन्वन्तरी के प्रकटोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में धनतेरस व्यापारिक या आरोग्य दिवस विषय पर अपने विचार रखते हुए आपने कहा कि हमारे शास्त्रों में समुद्र मंथन की जिस घटना का उल्लेख मिलता है वह केवल आख्यान नही है अपितु उसका हमारे स्वास्थ्य से गहरा सम्बन्ध है | आपने कहा कि समुद्र मंथन में हलाहल विष, वारिणी यानि मदिरा, अमृत, देवी लक्ष्मी, अप्सरा रम्भा , उच्चेश्रवा अश्व , चन्द्रमा ऐरावत हाथी आदि 14 रत्न सहित भगवान धन्वन्तरी प्रकट हुए थे | इन सभी रत्नों का सम्बन्ध मानवीय व्यवहार उसके स्वास्थ्य और अंत में प्रभु मिलन यानि मोक्ष प्राप्ति से है | आपने कहा कि दीपावली का पर्व चार ज्योति वाले दीप जलाने से होता है | यह दीपदान भगवान यम को समर्पित है ताकि परिवार में किसी की अकाल मृत्य न हो | आपने राजा हेम से सम्बन्धित एक आख्यान सुनाते हुए कहा कि राजा हेम की पुत्रवधू ने अपने पति की अकाल मृत्यु न हो इसलिए सर्प रूपी यम को भ्रमित करने के लिए बहुत सारे दीप जलाए और रास्ते में ढेर सारा स्वर्ण और मणि रत्न आदि बिछा दिए जिनके प्रकाश में सर्प रूपी यम देव अपना कार्य नही कर सके | और इसीलिए धन त्रयोदशी का सम्बन्ध सोना चांदी या अन्य धातु की वस्तुएं खरीदने से है | भगवान धन्वन्तरी ने द्वापर युग में आयुर्वेद की रचना की जिसे अथर्ववेद का उपवेद माना जाता है | शल्य क्रिया के जनक सुश्रुत इनके ही शिष्य थे | कार्यक्रम के प्रारम्भ में आरोग्य भारती मालवा प्रान्त के अध्यक्ष डॉ विष्णु सेन कछावा ने आरोग्य भारती के कार्यों व उद्देश्यों पर प्रकाश डाला | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर श्री श्री सुरेशानन्दजी शास्त्री निपनिया गुरूजी ने आयुर्वेद में हमारे आहार और विचार की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धन तेरस धन्य तेरस है जिस दिन आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धन्वन्तरी प्रकट हुए और उन्होंने मानव जाति को उत्तम स्वास्थ्य का मन्त्र दिया | वीरेन्द्र कुमार सकलेचा चिकित्सा महाविद्यालय नीमच के डीन डॉ अरविन्द घनघोरिया ने उत्तम स्वास्थ्य के लिए आहार की महत्ता पर बल देते हुए मांसाहार से बचने की आवश्यकता प्रतिपादित की | आपने महर्षि वाल्मिकी के जीवन का प्रसंग बताते हुए कहा कि यदि कोई हमारे दो बाल उखाड़ने को कहे तो हम दर्द की आशंका में मना कर देते हैं वैसे ही जिस प्राणी को भोजन के लिए मारा जाता है उसे कितना दर्द होता होगा | कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत संस्था के अध्यक्ष पारस जैन कोलकाता वाला , सचिब संदीप खाबिया, कार्यकारी अध्यक्ष पारस जैन नागोरी, डॉ. आशीष जोशी, श्रीमती मीना जायसवाल, संस्था संरक्षक दुर्गाशंकर कोली, डॉ. सुरेन्द्रसिंह शक्तावत, अजय भटनागर, सत्येन्द्र सक्सेना, अनील डबकरा, आदि ने किया | स्वागत भाषण आरोग्य भारती नीमच के अध्यक्ष पारस जैन ने दिया | इस अवसर पर संस्था द्वारा मेडिकल कालेज के डीन डॉ. अरविन्द घनघोरिया, आई एम ए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक जैन , लेखक ओमप्रकाश चौधरी , कवि प्रमोद रामावत आदि का सम्मान भी किया गया | आभार संस्था के सचिव संदीप खाबिया ने व्यक्त किया तथा कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष मनोज माहेश्वरी ने किया | कार्यक्रम में नवीन अग्रवाल , नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति चौपडा ,संतोष चौपडा , राजकुमार मालानी , अजय जिंदल, डॉ. विश्वस्वरुप , डॉ. निशांत गुप्ता , कृति अध्यक्ष बाबूलाल गौड़ , किशोर बागड़ी , श्रीमती निकिता सिंहल , श्रीमती उर्मिला उपाध्याय , श्रीमती शिवा मित्तल , श्रीमती ज्योति मेहता , लक्ष्मी प्रेमाणी, डॉ. संजय जोशी, गणेश खंडेलवाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे | कार्यक्रम का समापन सुस्वादु भोजन के साथ हुआ |

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