नीमच - राकेश कुमार शर्मा, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच के द्वारा राजस्थान के न्यायाधीश को ब्लैकमेल कर उससे एक करोड़ नगद व एक मकान की मांग करने वाले एक महिला सहित कुल दो अपराधीयों (01) अरूणा उर्फ अवनी उर्फ अंजु पिता महेश बैरागी, आयु 36 वर्ष, निवासी-वार्ड नम्बर 04, डिकेन बस स्टेण्ड के पास, नीमच को धारा 389 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 07 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000रू. अर्थदण्ड, धारा 468 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 05 वर्ष के सश्रम कारावास व 3000रू. अर्थदण्ड एवं धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 05 वर्ष के सश्रम कारावास व 3000रू. अर्थदण्ड और दूसरे आरोपी (02) दीपक पिता रामपाल तिवारी, आयु 32 वर्ष, निवासी-वार्ड नम्बर 14, तहसील के सामने रतनगढ़, थाना रतनगढ़, जिला नीमच को धारा 389/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक राजेन्द्र पोरवाल द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी न्यायाधीश होकर राजस्थान में न्यायिक सेवा में कार्यरत हैं। फरियादी द्वारा थाना नीमच केंट में आवेदन दिया कि उसे अवनी वैष्णव द्वारा फेसबुक आई.डी. पर फ्रैण्ड रिक्वेस्ट भेजी और वह मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क करने लगी थी। जिसके पश्चात् जब वह सितम्बर 2019 में सवाई माधोपुर में पदस्थ थे उस समय अवनी वैष्णव आई और स्वयं को नीमच का प्रतिष्ठित एडवोकेट बताते हुवे सवाई माधोपुर में गणेश जी के मंदिर के दर्शन कराने के लिये निवेदन किया तो उसने अपने स्टॉफ को दर्शन कराने हेतु निर्देश दे दिये थे। अवनी वैष्णव ने स्टॉफ से उनके मोबाईल नंबर ले लिये थे और दर्शन करके चली गई थी। इसके पश्चात् वह उससे टेलीफोन से बातचीत करने लगी, जब उसको ज्यादा बात करने से मना किया तो जनवरी 2020 में अवनी वैष्णव का फोन आया और प्रतिदिन उससे बात करने के लिये दवाब डालने लगी तो उसने मना कर दिया, इसके पश्चात् भी वह लगातार फोन करती और उस पर यह दवाब डालती कि उसे उनके साथ व्यवहार एवं संबंध रखने होगें, नहीं तो वह उसके विरूद्ध झूठी कार्यवाही करते हुवे झूठे अपराध में फँसा देगी। जब उसने अवनी वैष्णव से मना कर दिया तो वह उसे धमकाने लगी कि उसके भाई दीपक के राजस्थान में रसूकात है वह उनके साथ मिलकर उस पर झूठे आरोप लगाकर नौकरी से निकलवा देगी और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाएगी और उसका जीवन अभिशाप बनाकर सदैव के लिये समाप्त कर देगी। अवनी वैष्णव उसे ब्लैकमेल करने लगी और कहने लगी कि यदि उसे एक करोड़ रूपया और मकान नहीं दिया तो उसके विरूद्ध झूठी कार्यवाही कर उसे झूठा फँसा देगी। अवनी द्वारा सितम्बर 2020 में उसने पुनः फोन करना प्रारंभ कर दिया और धर्मवीर कुकणा नामक व्यक्ति से उसे फोन पर धमकाने लगी। अवनी वैष्णव और धर्मवीर कुकणा उससे रूपयों की मांग करने लगे तो उसने मना कर दिया। दिनांक 29.10.2020 को अवनी वैष्णव उसे झूठे मैसेज कर धमकाने लगी और उसकी पदस्थापना के स्थान पर पँहुचकर वकीलों में उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाकर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने लगी। आरोपीया का असली नाम अंजू बैरागी हैं और उसने फर्जी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज तैयार कर बड़े पैमाने पर ठगी करती है। अवनी ने उसे दिनांक 04.11.2020 को नीमच बुलाया और उससे कहा कि एक करोड़ रूपया और मकान देने पड़ेगे वरना वह उसे बदनाम कर देगी। विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा आरोपीगण को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक व अन्य साक्ष्य को एकत्रित कर अभियोग पत्र नीमच न्यायालय द्वारा प्रस्तुत किया गया। आरोपी धर्मवीर के अनुपस्थित होने के कारण उपस्थित दोनो आरोपीगण के संबंध में यह निर्णय पारित किया गया हैं। विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक द्वारा न्यायालय में फरियादी व अन्य ईलैक्ट्रॉनिक साक्ष्य को प्रस्तुत कर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया एवं घटना की गंभीरता को देखते हुवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राजेन्द्र पोरवाल द्वारा की गई।