KHABAR: ईएसबी में बड़े बदलाव की तैयारी...:एक ही परीक्षा के जरिये कर सकेंगे विभागों के सभी खाली पदों पर आवेदन, अलग-अलग एक्जाम नहीं देना होगा, पढ़े खबर

MP 44 NEWS July 3, 2025, 2:50 pm Technology

भोपाल - मप्र में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को बड़ी राहत मिलने वाली है। वे एक ही परीक्षा के जरिये विभिन्न विभागों में खाली पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। मप्र में कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करता है। हर साल ईएसबी अलग-अलग विभागों के लिए आठ-नौ भर्ती परीक्षाएं लेता है। हालांकि कुछ ग्रुप भी बनाए गए हैं। लेकिन परीक्षाओं की संख्या अधिक होने से यह प्रक्रिया साल भर चलती है। लेकिन, ईएसबी अब स्टाफ सर्विस कमीशन (एसएससी) का मॉडल अपनाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत विभिन्न विभागों में एक जैसे या समकक्ष पदों के लिए ग्रुप बनाकर परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। ईएसबी ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। एसएससी साल भर में चार प्रमुख परीक्षाएं लेता है। इसमें कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल), सब इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर और 10+2 लेवल एग्जाम शामिल हैं। इसके अलावा कांस्टेबल परीक्षा भी आयोजित करता है। इन परीक्षाओं में क्लास 3 और 4 के पद कवर कर लिए जाते हैं। एसएससी ने परीक्षाओं के लिए जो ग्रुप बनाए हैं, उनमें विभिन्न विभागों की एक जैसी भर्ती के लिए भी अलग-अलग क्वालिफिकेशन और आयु सीमा है। लेकिन, पेपर का एक जैसा सेट होता है। अभ्यर्थियों को चॉइस देनी होती है कि वे किस विभाग के किस पद के लिए आवेदन कर रहे हैं। उसके हिसाब से मेरिट तैयार होती है। मसलन, जूनियर इंजीनियर की कम्बाइंड परीक्षा में ही किसी में डिप्लोमा तो किसी में डिग्री मांगी जाती है। संबंधित विभाग परिणाम के हिसाब से इन्हें नियुक्ति देते हैं। अभ्यर्थी को एक बार ही संबंधित परीक्षा के लिए आवेदन करना होता है। अभ्यर्थी च्वाइस दे सकेंगे... मेरिट के आधार पर होगी नियुक्ति ईएसबी की साल भर में आठ परीक्षाएं : इधर, ईएसबी साल भर में करीब आठ भर्ती परीक्षाएं लेता है। इसके अलावा चार–पांच परीक्षाएं प्रवेश संबंधी भी होती हैं। इसमें भी कुछ परीक्षाओं में ग्रुप और सब ग्रुप हैं लेकिन सबमें ऐसा नहीं है। यह होगा फायदा… परीक्षाएं समय से आयोजित हो सकेंगी। अलग-अलग फॉर्म भरने की जरूरत नहीं। एक ही परीक्षा में प्रिफरेंस दे सकेंगे। इससे अभ्यर्थियों की फीस भी बचेगी। अभी ज्यादा परीक्षाएं होने से परिणाम घोषित होने और नियुक्तियों में देरी होती है। अब इनमें शीघ्रता आएगी। ^एसएससी के मॉडल को ईएसबी भी अपनाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। इससे एक ही ग्रुप में एक जैसी कई परीक्षाएं विभिन्न पदों के लिए हो सकेंगी। इससे खर्च और समय दोनों की बचत होगी। –साकेत मालवीय, डायरेक्टर, कर्मचारी चयन मंडल

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