KHABAR: जैसलमेर में सेना ने 15-मिनट में नहर पर बनाया पुल, दुर्गम इलाकों में लैंडमाइन हटाकर रास्ता बनाया, बॉर्डर पर ऑपरेशन ड्रिल में दिखाई तैयारी, पढ़े खबर

MP 44 NEWS July 3, 2025, 6:22 pm Technology

जैसलमेर - जैसलमेर में भारतीय सेना 15 मिनट में नहर पर पुल बना दिया। इतना ही नहीं दुर्गम इलाकों में लैंडमाइन हटाकर रास्ता भी बनाया। सटीकता, रफ्तार और दृढ़ता इन 3 बातों पर फोकस करते हुए आर्मी ने 'ऑपरेशन ड्रिल' के नाम से अभ्यास किया। इस अभ्यास में 100 से भी ज्यादा जवानों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत-पा​किस्तान में सीजफायर के बाद भी भारतीय सेना का 'ऑपरेशन सिंदूर' जारी है। इसके तहत भारतीय सेना मजबूत इरादों और बुलंद हौसलों के साथ फील्ड में तैनात है। अपने आपको अपग्रेड करने के साथ-साथ अपनी ताकत को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए सेना लगातार अभ्यास भी कर रही है। ब्लैक मेस ब्रिगेड ने किया प्रदर्शन भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारतीय सेना की ब्लैक मेस ब्रिगेड ने अपनी इंजीनियरिंग क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस एक्सरसाइज में सेना ने इंजीनियरिंग कार्यों के लिए सटीकता और गति के साथ उनके संकल्प को प्रदर्शित किया, जिससे भारतीय सेना की ऑपरेशनल तत्परता का पता चलता है। इस अभ्यास का स्लोगन 'प्रमुख, सटीक और लगातार' रखा गया। रेगिस्तान की तपती रेत पर भारतीय सेना की ब्लैक मेस ब्रिगेड ने युद्ध जैसी तैयारी दिखाते हुए ऑपरेशनल ड्रिल में पुल निर्माण, हेलीपैड निर्माण, रास्ता बनाना, मूवमेंट और फील्ड तैनाती का बेमिसाल प्रदर्शन किया। ये सिर्फ ब्रिगेड नहीं, सेना की तकनीकी रीढ़ है, जिसने दिखा दिया कि भारत हर हालात में पूरी तरह तैयार है। सेना के जवानों ने लैंडमाइन डिटेक्टर से जमीन में दबी लैंड माइन को ढूंढा जवानों ने लैंडमाइन ढूंढने के बाद उसका डिस्पोजल कर शानदार प्रदर्शन किया। बेहतरीन इंजीनियरिंग का किया प्रदर्शन रेगिस्तान की गर्म रेत, तपती दोपहर और चारों ओर सिर्फ सैन्य शोर। दरअसल ये कोई युद्ध नहीं, लेकिन युद्ध से कम भी नहीं। राजस्थान के सीमांत इलाके में भारतीय सेना की ब्लैक मेस ब्रिगेड (Black Mace Brigade) ने एक ऐसा युद्धाभ्यास किया, जिसे देखकर हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। इस ड्रिल में सिर्फ बंदूकें नहीं गरजी, यहां रणनीति, तकनीक, रफ्तार और सटीकता का असली प्रदर्शन हुआ। यह सिर्फ रिहर्सल नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था कि भारत की सेना हर हालात में एक्शन के लिए तैयार है। इस अभ्यास के दौरान सेना के जवानों ने दुर्गम रेतीले इलाकों में हाई इंटेंसिटी ऑपरेशन ड्रिल की। इंजीनियरिंग कार्यों को इस अभ्यास का मुख्य आधार बनाया गया। नहर पर बनाया पुल, हेलीपैड किए तैयार सेना ने पलभर में पुल तैयार कर दिए, रेतीले मैदानों में भारी वाहनों की मूवमेंट सुनिश्चित की, और सीमित संसाधनों के बावजूद हेलीपैड निर्माण और फील्ड तैनाती की ऐसी मिसाल पेश की जो पूरी दुनिया के लिए एक सबक है। ब्लैक मेस ब्रिगेड ने दिखाया कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, भारतीय सेना न सिर्फ मोर्चा संभाल सकती है, बल्कि उसे कंट्रोल भी कर सकती है। इस अभ्यास का फोकस 3 शब्दों पर रहा- प्रिसिशन, स्पीड और परसिस्टेंस यानी सटीकता, रफ्तार और दृढ़ता। लैंडमाइन को डिटेक्ट कर डिस्पोज किया सेना ने इस अभ्यास में अपनी तकनीकी दक्षता का जोरदार प्रदर्शन किया। आधुनिक मशीनरी, संचार साधन और टैक्टिकल यूनिट्स के बेहतरीन कोआर्डिनेशन ने यह साबित किया कि युद्ध सिर्फ ताकत से नहीं, सूझबूझ और सिस्टम से भी जीता जाता है। रेगिस्तान की चुनौतियों के बीच फील्ड मैनेजमेंट और रिस्पॉन्स टाइम ने यह दिखाया कि भारतीय सेना सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में भी सबसे आगे है। सेना के जवानों ने अपनी बेहतरीन इंजीनियरिंग व तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए रेगिस्तान में सेना की गाड़ियों के जाने के लिए रास्ता बनाना हो, या फिर जमीन में दबी लैंडमाइन को ढूंढ़कर उसको डिस्पोज करना। इन सबका सटीक प्रदर्शन करते हुए ब्लैक मेस ब्रिगेड ने जो कर दिखाया, वो सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं था, बल्कि भारत की सामरिक क्षमता, मनोबल और प्रतिबद्धता का जीवंत प्रदर्शन था। दुर्गम इलाकों में सेना की मददगार इस ड्रिल के माध्यम से भारतीय सेना ने यह साबित किया कि वह किसी भी आपात स्थिति में महज कुछ घंटों में दुर्गम इलाकों में डिप्लॉय हो सकती है और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखती है। हर जवान का उत्साह, हर अफसर की रणनीति और हर साजो-सामान की तैयारियों ने ये साबित कर दिया कि देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। भारतीय सेना न सिर्फ आज की, बल्कि भविष्य की लड़ाइयों के लिए भी तैयार है। ये तैयारियां सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, एक्शन में बदलने के लिए हैं। ब्लैक मेस ब्रिगेड ने यह दिखा दिया कि भारतीय सेना अडिग है, अपराजेय है, और राष्ट्र की सेवा में समर्पित है। ये अभ्यास एक घोषणा है, कि भारत की रेत में जितनी गर्मी है, उतनी ही ताकत इस देश की फौज में भी है। ये सिर्फ एक ड्रिल नहीं, भारत की निर्णायक शक्ति का परिचय है और जब बात देश की हो तो भारतीय सेना का हर कदम दुश्मन के लिए चेतावनी है।

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