रतलाम - रतलाम में 4 साल पहले पेड़ से केरी उतारने के दौरान हुए विवाद में हत्या के मामले में कोर्ट ने मंगलवार को पिता, बेटे व काका को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 16 हजार 800 रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। फैसला सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश रतलाम राजेश नामदेव ने सुनाया है।
अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि फरियादी बलराम ग्राम रूनीजा में रहकर चाय की दुकान पर मजदूरी करता था। 5 जून 2021 को वह दादा शंभुलाल पिता मानाजी खदेडा व उसके मामा अमरसिंह पिता डुंगरसिंह निवासी खरगापाडा के साथ धनसेरा वाले खेत पर आम के पेड़ से केरी उतारने गए थे।
तभी वहां भैरूलाल, नानालाल व भैरुलाल का लड़का मुकेश पहुंचा। कहा कि आम का पेड़ उनका है इसलिए आम से केरी नहीं उतारने देंगे। इस दौरान इन्होंने विवाद कर मारपीट की। दादा शंभुलाल को सिर पर तलवार मारी। साथ आए अमरसिंह के साथ भी मारपीट की। उसी दौरान 100 डायल को सूचना की। मारपीट कर अभियुक्त भाग गए।
बलराम ने उसके पापा गोपाल खदेड़ा को फोन कर बुलाया। एम्बुलेंस से घायल दादा को रतलाम जिला अस्पताल लेकर आए। यहां से अहमदाबाद रेफर कर दिया। बिलपांक थाना पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
इलाज के दौरान हुई मौत
दादा शंभुसिंह की अहमदाबाद में इलाज के दौरान मोत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर घटनाक्रम की जांच की। जांच में हत्या करना पाया गया। तब पुलिस ने धारा 324, 302 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1-बी) (बी) बढ़ाई। अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया।
कोर्ट में हुआ समझौता
फरियादी द्वारा आरोपीगण से समझौता भी किया था। न्यायालय में लिखित समझौता प्रस्तुत किया गया। लेकिन कोर्ट ने पुलिस जांच, सबूतों, पीएम रिपोर्ट समेत सारे तथ्यों को ध्यान में रख फैसला सुनाते हुए भेरूलाल (54) पिता शंकरलाल देवदा, गुड्डा उर्फ नानालाल उर्फ रतनलाल (52) पिता शंकरलाल देवदा व मुकेश (22) पिता भेरूलाल देवदा तीनों निवासी ग्राम कमेड़, थाना बिलपांक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।