पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के गोधरा – दाहोद खंड के कांसुधी-पिपलोद स्टेशनों के मध्य लगभग 28 किलोमीटर खंड में स्वचालित ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली 28 मार्च 2025 को कमिशन कर दिया गया है। रतलाम मंडल पर स्वचालित ब्लॉक सिगनलिंग व्यवस्था को लागू कर मंडल ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिससे रेल यातायात की संरक्षा, सुरक्षा एवं दक्षता में वृद्धि होगी।
गोधरा-दाहोद खंड के कांसुधी-चंचेलाव-संतरोड-पीपलोद स्टेशनों के मध्य लगभग 28 किमी खंड में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग की व्यवस्था को चालू कर दिया गया है। इससे इस खंड में ट्रेनों की आवाजाही को स्वचालित रूप से नियंत्रित करके टकराव के जोखिम को कम करने के साथ ही ट्रेनों के बीच कम अंतराल की अनुमति देकर सुरक्षा, दक्षता और क्षमता में वृद्धि प्रदान करती है। यह प्रणाली एक ही सेक्शन में अधिक रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति देता है, जिससे समग्र क्षमता बढ़ती है और बढ़ती परिवहन मांग पूरी होती है। इसके साथ ही ट्रेनों के स्टेशनों से समय पर प्रस्थान करने तथा प्लेटफार्मों और अन्य अचल परिसंपत्तियों का अनुकूलतम उपयोग को सुनिश्चित करता है।
रतलाम मंडल द्वारा एक साथ 28 किमी खंड में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली को लागू कर पश्चिम रेलवे में एक बार में चालू किया गया सबसे लंबा स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग सेक्शन बन गया है।
कांसुधी-पिपलोद स्टेशनों के मध्य स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली को 100% क्षमता के साथ चालू किया गया जिसमें पावर सप्लाई के साथ अन्य संसाधनों का बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित की गई है । यह सुनिश्चित करेगा कि रेल यातायात सुरक्षित और निर्बाध रूप से चलता रहे।
रतलाम मंडल पर नागदा से गोधरा के मध्य स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली लागू करने का कार्य चल रहा है तथा वर्ष 204-25 में 28 किमी खंड को पूरा कर लिया गया है तथा शीघ्र ही शेष खंड में भी इसे चालू कर दिया जाएगा।
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खेमराज मीना
जनसंपर्क अधिकारी-रतलाम मंडल