कमिश्नर स्तर तक सुधार, लेकिन आरटीआई स्तर पर अब भी लंबे समय से जमे अफसर।
जावद - मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री एवं जावद विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने विधानसभा में मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि चेक पोस्ट खत्म करने का फैसला 10 से 12 साल की लंबी लड़ाई का नतीजा है। इस निर्णय से न केवल ट्रांसपोर्टरों को आर्थिक लाभ हुआ है, बल्कि कई मानव जीवन भी दुर्घटनाओं से बच सके हैं।
सखलेचा ने कहा कि नीमच से उदयपुर मार्ग पर चेक पोस्ट के कारण घंटों ट्रैफिक जाम लगता था और कई बार हादसे भी होते थे। चेक पोस्ट हटने से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई।
उन्होंने बिल में किए गए सुधारों की भी सराहना की। मोटरयान कर नियम 13.1 में पेनाल्टी 2 गुना से बढ़ाकर 4 गुना की गई है, बसों के लिए किलोमीटर के आधार पर जुर्माने की जगह प्रति सीट 1000 रुपये की फिक्स पेनाल्टी तय की गई है, वहीं मालवाहक वाहनों पर प्रति टन 1000 रुपये की पेनाल्टी लागू की गई है। इसके अलावा पुराने मैन्युअल टेस्टिंग सिस्टम को ऑटोमेटिक कर डिस्क्रिशन कम किया गया है।
सखलेचा ने कहा कि यह बदलाव ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने और भ्रष्टाचार घटाने की दिशा में बड़ा कदम है। हालांकि उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि मुख्यमंत्री और मंत्री स्तर पर सुधारों के बावजूद नीचे के स्तर पर, खासकर 2-2 साल से जमे आरटीआई अधिकारियों पर भी ध्यान दिया जाए, ताकि “तू डाल-डाल, मैं पात-पात” वाली स्थिति खत्म हो सके।
विधायक सखलेचा ने उम्मीद जताई कि सरकार इसी गति से आगे बढ़कर और भी पारदर्शी एवं सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था लागू करेगी।
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“आपने मंत्री जी और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर स्तर तक भी सुधार किया, लेकिन नीचे जो 2-2 साल से जमे हुए पुराने आरटीआई बैठे हुए हैं, यह आप सबसे, यह कहते हैं ना कि ‘तू डाल-डाल, मैं पात-पात’ वाली कहावत से कैसे बचाना, मेरा ख्याल है इतना इशारा मंत्री जी और सरकार के लिए काफी होगा।” — ओमप्रकाश सखलेचा