मध्यप्रदेश का सबसे भ्रष्ट और चोर विभाग नीमच जिला शिक्षा विभाग , निम्न मध्यम और गरीब वर्गीय बच्चो के खेल (क्रीड़ा) का लाखो रुपए खा गए क्रीड़ा के बजट से पेट नही भरा तो स्काउट और अन्य मदो से लाखो रुपए क्रीड़ा के नाम से चोरी किए, दस से बीस हजार से अधिक नगद आहरण के अधिकार नहीं दो-दो लाख व्यक्तिगत चेक बना कर निपटा दिए । विभाग के कारिंदो ने इतनी बड़ी कालिख पोती उसको एफ.आई.आर. करवा कर जेल भेजना था पर उसको निर्वाचन में बिठा दिया , रतलाम ,उज्जैन, धार,खरगोन,देवास आदी जिलों में भी हमे जानकारी नही दे रहे है , अपील में भी आज तक जानकारी नहीं दे रहे है , क्या मध्यप्रदेश शासन अब गरीब मध्यम वर्गीय बच्चो के क्रीड़ा का खर्च उठाएगा ? जनहित याचिका माननीय न्यायालय में लगाने के लिए मध्यप्रदेश के कई जिलों से हमने जानकारी मांगी पर कई जिलों में नीमच जैसे ही घपला होने से जानकारी छुपा रहे है ,देवास ,धार में तो जिला पंचायत सुनवाई के बाद भी आज तक जवाब ही नहीं दिया गया । मामला नीमच जिले का है जहा शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से जो फीस ली जाती है उसमे एक हिस्सा क्रीड़ा और स्काउट का भी होता , जिस में से स्कूल कुछ हिस्सा अपने पास रख कर 60% राशी जिले को प्रेषित कर देता है , जिले में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों ने उस रुपए से खेल सामग्री खरीदना बता कर नीमच की कई फर्मों के फर्जी बील लगाकर रुपए व्यक्तिगत आहरण कर लिए और तो और विभाग के कर्मचारियों ने अपने ही नाम चेक बना कर निकाल लिए, इतने से पेट नही भरा तो मंदसौर रतलाम तक की फर्मों के दो दो लाख के फर्जी बील बना कर आहरण किए मतलब निकाल कर जीम गए । जिस कर्मचारी गुजेठिया ने इन रुपयों का गबन किया उसकी एफ.आई.आर. कर जैल भेजना था उसे निर्वाचन में बिठा रखा है । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाही करने की कहते आए है क्या नीमच से उन्हें शुरुआत करना चाहिए ? यही नहीं समस्त शासकीय स्कूल जहा निम्न या मध्यम वर्गीय बच्चे अध्यापन करते है उनसे क्रीड़ा शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए , नीमच जिला शिक्षा विभाग पर नीमच के जागरूक नेताओ ने भी कभी निगाहे करम नही की ? नीमच जिले के भ्रष्ट शिक्षा विभाग पर अब कोई कार्यवाही होती है या नहीं ?गुजेठिया सहित दोषी जेल जाते है या नहीं ये देखने योग्य होगा ।