ग्वालटोली में चातुर्मास सत्संग समारोह प्रारंभ- संत एक तीर्थ के समान है- स्वामी सत्यानंद सरस्वती, पढ़े खबर

MP44 NEWS July 10, 2023, 5:43 pm Technology

नीमच । चातुर्मास के दौरान आयोजित होने वाला सत्संग गंगा के समान होता है, जिसमें भक्तों को स्नान करना आवश्यक है। धर्म की गंगा में सभी को डुबकी लगाना चाहिए। संत एक तीर्थ के समान है और संत की शरण में जाने से मनुष्य जीवन सफल हो जाता है। भगवान के कई अवतार चातुर्मास में हुए। चातुर्मास के दौरान वर्षा काल चलता है, जिसमें प्रकृति पूरी तरह से हरी भरी हो जाती है। इसी तरह मनुष्य के जीवन में भी चातुर्मास एक नई ऊर्जा का संचार करता है। उक्त विचार अनंत विभूषित स्वामी अखंडानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्य एवं सत्यदीप आश्रम श्रीधाम वृंदावन के संचालक स्वामी सत्यानंद सरस्वतीजी महाराज (पीएचडी दर्शनशास्त्र) ने चन्द्रवंशी ग्वाला समाज के मार्गदर्शन में श्रीमद् भागवत कथा आयोजन समिति, नीमच द्वारा श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर, ग्वालटोली पर प्रथम बार आयोजित दिव्य चातुर्मास सत्संग समारोह के शुभारंभ अवसर पर शनिवार को व्यक्त किए। गुरुजी ने कहां की इस संसार रूपी समुद्र में लहरों का उतार-चढ़ाव होना एक आम बात है। समुंद्र की तरह जीवन में भी लहरों की तरह सुख- दुख आता है। जीवन में हमें सुख मिल रहा है तो निश्चित माने कि हमें दुख भी भोगना पड़ेगा। इसलिए इस मनुष्य जीवन में सत्कर्म करें और ईश्वर की भक्ति करें। सत्संग समारोह के अगले दिन गुरुजी ने कहां की भगवान के कार्य भगवान की इच्छा के बगैर नहीं होते हैं। अहंकार हमेशा विनाश का कारण बनता है और भगवान की भक्ति जीवन को सफलता दिलाती है। मनुष्य को विनम्र और सरल होना चाहिए। वक्ता सरल, सहज और विनम्र होगा तो श्रोता भी उसकी बात सुनेंगे। जीवन में मनुष्य द्वारा कमाया गया धन, दौलत, मकान और गाड़ी सभी यही रह जाना है अंत समय में सिर्फ भगवान की भक्ति और दीन दुखियों की सेवा के काम आती है। सत्संग में लगाया गया समय मृत्यु भी छीन नहीं सकती है। संत ने कहा कि मनुष्य का मन बहुत धोखेबाज है, यह चंचल मन आसानी से कहीं भी नहीं लगता है। इसे जबरन लगाना पड़ता है। मन को सत्संग में लगाओ। अपने अंतर्मन की बात सुनो और मन को ईश्वर की भक्ति में लगाएंगे तो आपका जीवन सफल होगा। भगवान शिव और श्री राम की कथा प्रत्येक मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है। दिव्य चातुर्मास सत्संग समारोह के मुख्य यजमान समाजसेवी पप्पू हलवाई ने बताया कि श्री राधाकृष्ण मंदिर परिसर, ग्वालटोली पर आयोजित इस सत्संग समारोह में सत्यदीप आश्रम श्रीधाम वृंदावन के संचालक स्वामी सत्यानंद सरस्वतीजी महाराज के मुखारविन्द से प्रतिदिन रात्रि 8 से 9.30 बजे तक श्रीराम कथा पर आधारित जीवन उपयोगी आध्यात्मिक प्रवचन दिये जा रहे है। जिसमें प्रतिदिन स्थानीय सहित आसपास क्षेत्र के सैकड़ों भक्त गण सम्मिलित होकर धर्म लाभ ले रहे है। आयोजन समिति के सदस्य हरगोविंद दीवान व गोपाल चंद्रवंशी ने बताया कि चातुर्मास सत्संग समारोह के अंतर्गत गुरुजी आयोजन के मुख्य यजमान पप्पू हलवाई के निवास स्थान श्री विराट विराय मारुति नंदन बालाजी मंदिर के पीछे ग्वालटोली पर विराजमान रहेंगे।

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