नीमच। नपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष तय हुए तीन दिन बीत चुके है। भाजपा की तरफ से स्वाति चौपडा का नाम घोषित होते ही कांग्रेस के 08 पार्षदों ने भाजपा अधिकृत स्वाति चोपडा के पक्ष में मतदान किया। इधर भाजपा के तीन बागियो ने भी कांग्रेस पक्ष में मतदान किया है। शहर में चर्चाओ का बाजार गर्म है। जिन लोगो का नाम सोश्यल मिडिया पर उछल रहा है। वह लोग सिर्फ सोशल मिडिया पर अपनी सफाई पेश कर रहे है। इस पूरे मामले में कांग्रेस के बडे नेता खामोश दिखाई दे रहे है। भाजपा भी अपनी चुप्पी तोडने को तैयार नही। 06 अगस्त को कांग्रेस के 14 पार्षद जब नपाध्यक्ष के लिए वोट करने गए तो कांग्रेस की वीणा सक्सेना के पाले में महज 09 वोट आए जबकि भाजपा की स्वाति चोपडा के पक्ष में 31 वोट आ गए।
नतीजे सामने आने के बाद सारे दलाल हक्के-बक्के रह गए। कांग्रेस के दलाल पार्षदों में इतनी घबराहट हुई कि वह अपील समिति का फॉर्म बिना भरे वहा से खिसक लिए। दूसरी तरफ उपाध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई कांग्रेस के 14 पार्षदो ने 13 वोट कांग्रेस की कविता मोनू लोक्स के खाते में डाले तो वहीं 27 वोट रंजना परमाल यानि बीजेपी के पक्ष में गिरे। कांग्रेस नपाध्यक्ष के दावेदार को केवल 09 वोट और उपाध्यक्ष पद के दावेदार को 13 यह बात कई सवालो को जन्म दे रही है। इधर कांग्रेस नपाध्यक्ष दावेदार ब्रजेश सक्सेना का आक्रोश कांग्रेस के गद्दारो के खिलाफ फूट रहा है।
श्री सक्सेना ने सोश्यल मिडिया पर दलालो को अंजाम भुगतने की चेतावनी दे डाली है। इसके साथ उनके लडके अनुराग सक्सेना ने तो गद्दारी करने का आरोप लगाते हुए 08 पार्षदो की एक लिस्ट ही सोशल मिडिया पर जारी कर दी। जिसके बाद पूरे शहर में आरोपी पार्षद सोशल मिडिया पर और अन्य जगह सफाई पेश कर रहे है। इधर भाजपा पूरी तरह सन्नाटें में है। वह आरोप-प्रत्यारो पर खामोश है। भाजपा पार्षदो की क्रॉस वोटिंग को वह सिरे से खारिज कर रही है।