नीमचI नीमच जिले की सबसे पुरानी समस्या बंगला बगीचा समस्या के समाधान में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक तरफ तो कार्यालय कलेक्टर बंगला बगीचा व्यवस्थापन प्रकोष्ठ द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग मध्यप्रदेश शासन को जिला कलेक्टर द्वारा पत्र लिखा गयाI एवं कई प्रस्ताव व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने हेतु प्रेषित किए गए, वही दूसरी ओर नीमच नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा 30 मई तक व्यवस्थापन हेतु आवेदन नहीं किए जाने पर लोक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत कार्यवाही करने की चेतावनी देते हुए विज्ञप्ति प्रकाशित कर बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता के बीच डर एवं भय का माहौल बना दिया गया है । जहां एक और जिला कलेक्टर द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर अभी किसी प्रकार का कोई फैसला नहीं हुआ है नीमच नगर पालिका के अधिकारी इस तरीके का बेतुका आदेश कैसे पारित कर सकते हैं । यह आदेश जनविरोधी एवं जनता में आक्रोश व्याप्त करने वाला है जिसके विरोध में बंगला बगीचा सँघर्ष समिति के बैनर तले कलेक्टर महोदय को प्रमुख सचिव के नाम ज्ञापन सौंप समस्या के समाधान हेतु समाधान नहीं तो वोट नहीं जैसे नारे लगाए । एडवोकेट अमित शर्मा ने बताया कि काला कानून पारित कर आम जनता को भारी वित्तीय बोझ के तले दबाते हुए और बेदखली का डर दिखाते हुए बेतुके आदेश पारित किए जा रहे हैं उससे यह स्पष्ट है कि नीमच की जनता की आवाज उठाने वाले जनप्रतिनिधि अब नीमच जिले में नहीं बचे हैं और जनता को स्वयं अपनी आवाज उठानी पड़ेगी ।जिसको लेकर मंगलवार को बंगला बगीचा संघर्ष समिति द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंप मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा पारित किए गए बेतुके आदेश को वापस लेने एवं बंगला बगीचा क्षेत्र व्यवस्थापन में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर करने की मांग की गई । इस दौरान बंगला-बगीचा क्षेत्र के रहवासी एवं बंगला बगीचा संघर्ष समिति के सदस्य एडवोकेट अमित शर्मा, एडवोकेट चंचल शर्मा, दर्शन शर्मा, राजेश जैन, पूर्व पार्षद राजेश अजमेरा, राकेश गर्ग, आशीष अग्रवाल, अशफाक हुसैन, विनय जैन सहित बड़ी संख्या में रहवासी उपस्थित रहे ।