पूर्व विधायक जाजू ने कहा कि नीमच की दीर्घक़ालीन रेल्वे की योजनाओं को जिस तरह से बजट में धन आवंटित किया गया हैं उसको देखते हुए लगता हैं कि नीमच कीदीर्घक़ालीन उन सुविधाओं का लाभ अगले दस बीस वर्षों नही मिलपायेगा नीमच- बड़ींसादड़ी रेल मार्ग वर्ष २०१८ के बजट में स्वीकृत हुआ था एवम इस कार्य को पुरा करने के लिये लगभग पाँचसों करोड़ रुपये का ख़र्च का आंकलन किया था एवम् सन २०२२ तक पुरा करने का लक्ष रखा गया था .. लेकिन यह क्षेत्र का दुर्भाग्य हैं की बजट में आवंटित धन राशि ऊँट के मुँह में ज़ीरा जैसे है . जो कि लागत का पाँच प्रतिशत भी नही हैं . प्रश्न यह हैं कि .क्या इस तरह के आवंटन से इस रेल मार्ग को समय सीमा में पूर्ण कर लेंगे ..?? नीमच को जंक्शन बनने में लगेंगे दस वर्ष ..?” पूर्व विधायक जाजू ने बताया कि लोकसभा चुनाव के पूर्व रेल मंत्रालय ने नीमच - बड़ीसादडी रेल लाईन स्वीकृत की एवम् उसकी आधारशीला रखने के कार्यक्रम में बीजेपी के मंत्री एवम् नेताओ ने बहुत बढ़ चढ़ कर कहा था कि शीघ्र ही नीमच २०२२ तक जंक्शन बन जाएगा लेकिन जिस तरह से बजट में धन आवंटित किया गया हैं उससे लगता हैं कि नीमच को जंक्शन बनने में दस से पंद्रह साल लग जाएँगे .. इसी प्रकार नीमच रतलाम दोहरी करण की लागत लगभग नोसो ( ९००) करोड़ हैं लेकिन बजट में केवल चंद करोड़ धन आवंटित किया गया हैं जो प्रोजेक्ट के लिये बहुत कम हैं ,क्या नीमच - रतलाम दोहरी करण का लाभ अगले पाँच वर्षों में मिल जायेगा ? इस बजट में नीमच -कोटा एवम् नीमच -रामगंज प्रस्तावित रेल सर्वे के बजट के बारे में भी कुछ ऐसी बात प्रस्तावित नहीं हैं जिसको देख कर लगे की इन लाईन के सर्वे का कोई महत्व रेलमंत्रालय को हैं .. डाक्टर जाजू ने कहा कि यह नीमच का दुर्भाग्य हैं और जनप्रतिंधियो की निष्क्रियता के कारण तत्कालीन सुविधाओं में नीमच रेल्वे स्टेशन पर जो सुविधाएँ मिलना चाहिये नही मिली . उन सुविधाओं के बारे में भी कोई ऐसी सकरात्मक पहल जनप्रतिनिधियों द्वारा नही की गई है विगत एक समय से जिससे लगे की नीमच के यात्रियों को रेलमंत्रालय सुविधा प्रदान करना चाहता हैं . तत्कालीन सुविधाएँ दिलवाने में स्थानीय जंप्रतिनिधियो का सबसे बड़ा रोल होता हैं . हमारे सांसद को कम से कम निम्न सुविधाओ के प्रस्ताव स्वीकृत करवा कर कार्य शुरू करवा देने चाहिए .. स्वचालित सीढ़ियाँ (ऐकसिलेटर)की सुविधा . कोच इंडिकेटर प्लेटफ़ार्म नम्बर दो पर . चोबिस डिब्बों की ट्रेन के लिये कवरड प्लेटफफ़ार्म .. जो ट्रेने नीमच होकर गुज़रती हैं एवम जिनके स्टापेज नीमच में नहीं हैं उनके नीमच मे स्टापेज सुनिश्चित करवाये .. बघाना ओवर ब्रिज के लिये तुरंत कार्ययोजना बना कर प्रस्तावित करना ज़रूरी हैं.. तत्कालीन स्थानीय कार्य पश्चिमी रेल्वे के जी॰एम॰ स्वीकृत करते हैं . बजट में एक साथ विभिन्न कार्यों ( स्टेशन के विकास ) के लिये एक मुस्त राशि स्वीकृत कर आवंटित कर दी जाती हैं जिसका उपयोग जी॰एम॰ करते है अगर जी॰एम॰ पर स्थानीय सांसद दबाव बनाते हैं तो वे कार्य तुरंत स्वीकृत हो जाते हैं . यह क्षेत्र का दुर्भाग्य हैं कि इंदौर जयपुर लिंक वाह्य उज्जैन को रेलमंत्रालय बंद करने जा रहा हैं जिसके कारण अजमेर और जयपुर के लिये एक सुविधा समाप्त हो जायेंगी . अगर यह लिंक ट्रेन बंद की जा रही हैं तो विकल्प में इंदौर जयपुर वाह्य मंद्सौर नीमच नई ट्रेन की सुविधा प्रदान करना ज़रूरी हैं .