नीमच10 फरवरी (केबीसी न्यूज़) व्यक्ति स्वयं में सुधार करेगा तो युग अपने आप सुधर जाएगा। व्यक्ति पहले अपने अंदर की बुराई को मिटाए तो समाज की बुराइयां अपने आप मिट जाती है।
अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है। नशा विनाश का मार्ग है। कोई व्यक्ति शराब पीता है तो
लोग कहते हैं पीने दो यदि पड़ोस में आग लगेगी तो हम आग बुझाने जाते हैं इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति नशा करता है तो उसको सुधारना पूरे समाज का कर्तव्य है। नशा सामाजिक बुराई है यह पतन का मार्ग है समाज को पतन के मार्ग पर जाने से बचाना है तो हमारे पड़ोसी को भी नशा छुड़ाना होगा।
प्रत्येक व्यक्ति एक व्यक्ति को सुधारने का संकल्प ले ले तो पूरा समाज में विचार क्रांति के माध्यम से परिवर्तन हो सकता है। यह बात अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के प्रचारक 50 वर्षीय रणजीत सिंह राघव अलीगढ़ ने नीमच नगर के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित विभिन्न एकल नुक्कड़ सभा में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा किएक व्यक्ति है यदि गुटखा खाना सीखना है तो वह 10 व्यक्तियों को बिगाड़ सकता है।
विचार क्रांति ही एक ऐसा माध्यम है जो समाज की दिशा को विकास की ओर आगे बढ़ा सकती है। विचार क्रांति की मशाल देश के कोने-कोने में प्रत्येक घर-घर द्वार द्वार पहुंचनी चाहिए ताकि नशा मुक्ति विकसित समाज का निर्माण हो सके। शीघ्र भारत विश्व का जगत गुरु बन सके। सभी उज्जवल भविष्य का नारा तभी सार्थक सिद्ध हो सकता है। एक प्रश्न के उत्तर में प्रचारक रणजीत सिंह राघव ने बताया कि उन्होंने अलीगढ़ के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी अपनी नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों को विचार क्रांति का संदेश प्रदान किया है।उन्है आज तक एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जिसने कहा हो कि यह विचार क्रांति गलत है। समाज में सुधार लाना है तो विचार क्रांति ही सशक्त माध्यम सिद्ध हो सकती है। राघव विगत डेढ़ वर्षो से प्रतिदिन 2 घंटे 10 एकल नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हैं जिसमें वह नशा मुक्ति के विचार क्रांति का संदेश प्रदान करते हैं। राघव विगत 8 फरवरी को नीमच पहुंचे हैं तभी से लगातार नीमच शहर के इलेक्ट्रॉनिक बाजार, नया बाजार,रोडवेज बस स्टैंड प्राइवेट बस, स्टैंड नीमच सिटी, सब्जी मंडी , प्रमुख बाजारोंआदि विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर विचार क्रांति के एकल नुक्कड़ सभा संबोधित कर रहे हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि 1998 में शांतिकुंज हरिद्वार से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें प्रथम बार गायत्री शक्तिपीठ नीमच में समय दान के लिए अवसर दिया गया था तब उन्होंने नीमच नगर के विभिन्न स्कूलों में पहुंचकर विचार क्रांति का संदेश प्रदान किया था। उनके विचार क्रांति के संदेश से प्रभावित होकर नीमच निवासी राजकुमारी
मदन सिंह राठौड़ की बेटी ममता से उनका विवाह तय हो गया था। 2000 में उनका विवाह शांतिकुंज हरिद्वार में बेहद सादगी के साथ संपन्न हुआ था। उनका उद्देश्य ही समाज से खर्चीली शादियों को समाप्त करना है और बिना दहेज की शादी करना उनका लक्ष्य है ।वह अपनी एम ए तक शिक्षित 22 वर्षीय बेटी असिस्टेंट प्रोफेसर सोनाली राघव का भी विवाह बिना दहेज के ही करेंगे। इसके साथ ही वह नशा मुक्ति से जुड़े संदेश पत्रक का निःशुल्क वितरण भी करते हैं। पत्र के माध्यम से उन्होंने देश में भ्रष्टाचार मिटाने, सादा जीवन जीने, जैसी करनी वैसा फल,महंगी खर्चीली शादी रोकने, ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने अन्याय अत्याचार को बढ़ाने से रोकने,नशे के प्रभाव से परिवार का विनाश होने जैसे अनेक समाज सुधार के संदेश का उल्लेख है।
उनका मानना है कि यदि समाज में विचार सुधर गए तो देश में कभी भी दंगे फसाद झगड़ा नहीं होंगे। रणजीत सिंह राघव भारतीय जीवन बीमा निगम में अभिकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। राघव 14 फरवरी तक नीमच नगर में विभिन्न नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करेंगे। उसके बाद वे15 फरवरी कोआगरा फोर्ट ट्रेन द्वारा अलीगढ़ के लिए प्रस्थान कर जाएंगे। अधिक जानकारी यूट्यूब पर विचार क्रांति चैनल के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
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