BIG_NEWS : कृषि मंडी में किसानों के साथ हो रही अवैध वसूली, अन्नदाता की नहीं निकल रही लागत, ऊपर से हो रही लूट खसोट, उपज भराने के लिए किसान से लिए जा रहे इतने रूपये प्रति कट्टा, व्यापारी भी काट रहा 7.50 रुपए, पढ़े खबर

MP 44 NEWS October 14, 2022, 11:25 am Technology

मंदसौर। कृषि मंडी मंदसौर में किसानों के साथ वसूली हाे रही है। हैं। व्यापारियों द्वारा उपज नीलाम के बाद बारदान भी किसानों को लाना पड़ते हैं। इसके अलावा उपज भराने के लिए किसान से 2 रुपए प्रति कट्‌टा अलग से लिए जा रहे हैं। स्थिति यह हैं अगर कोई किसान पैसा नहीं दे तो उपज भरने वाला नहीं मिलता। मजबूरन किसान को पैसे देने पड़ते हैं। बोरी उठाने में किसान को टेकी करना पड़ता है।

प्रदेश की नंबर 1 कही जाने वाली मंडी में लहसुन बेचने के लिए आने वाले किसानों के साथ मंडी में लूट हो रही है। कुचड़ाैद निवासी राहुल पंवार, भेरूलाल व दिनेश कुमावत, लखन कुमावत, लक्ष्मीनारायण व नांदवेल निवासी पिंकेश, जवासिया के आत्माराम सहित कृषि मंडी में लहसुन लेकर आए। उन्हाेंने बताया यहां अच्छे भाव मिलने की उम्मीद में आए। यहां पर फसल नीलामी के बाद किसान को बारदान भी खुद को ही लाना पड़ता हैं। उसके बाद अपनी उपज को भरवाने के लिए 2 रुपया प्रति कट्‌टा देना मजबूरी हैं। कोई सुनने वाला नहीं हैं। उपज भरवाने के बाद भी किसान से ही बारदान उठवाने के लिए टेकी करने के लिए कहा जाता है, यह अन्य मंडियों में नहीं होता। सिर्फ मंदसौर मंडी में अपनी उपज भरवाने के लिए 2 रुपए प्रति कट्टा देना पड़ता है। किसान को माल तुलाई के समय किसान को बोरियां उठाना पड़ती हैं। किसानों के अनुसार कोई किसान उपज भरवाने के लिए पैसा नहीं दे तो उपज पड़ी रहती हैं। मजबूरी में किसानों को पैसा देना पड़ता और बोरी या कट्टा उठवाना पड़ता है। ' लागत नहीं निकल रहीं, ऊपर से लूट खसोट हो रही व्यापारी के वहां हम्माली का पैसा अलग से काटा जाता है। 7.50 रुपए प्रति कट्‌टा अलग से काटा जाता। इस तरह किसान को प्रति कट्‌टा 10 रुपए हम्माली लग रही है। किसानों का कहना है पहले ही लहसुन के दाम अच्छे नहीं मिल रहे। ऊपर से इस तरह लूट- खसौट हो रही। -चार्ज लिए अभी चार दिन ही हुए

चार्ज लिए हुए अभी चार दिन ही हुए हैं। किसानों से इस तरह राशि ली जा रही हैं तो मै दिखवाता हूं। कर्मचारियों से चर्चा कर इस तरह की वसूली बंद की जाएगी ताकि किसानों को किसी तरह का आर्थिक बोझ नहीं ढोना पड़े। - बलवंतसिंह, प्रभारी मंडी सचिव

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