नीमच, म.प्र.शासन व्दारा अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए संचालित संत रविदास स्वरोजगार योजना से मिली आर्थिक मदद नीमच जिले के जावद विकासखण्ड के जनजातिय बाहुल्य ग्राम कोज्या निवासी भेरूलाल पिता प्रेमचंद रेगर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बडा कदम साबित हुई है। इस योजना का लाभ लेकर भेरूलाल ने अपनी स्वयं की स्टेशनरी की दुकान प्रारंभ कर, वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन गया है। स्टेशनरी दुकान का सफलतापूर्वक संचालन कर भेरूलाल प्रतिमाह लगभग 12 हजार रूपये की आय प्राप्त कर रहा है। नीमच जिले के सिंगोली तहसील के निवासी अनुसूचित जाति वर्ग के भेरूलाल को जब संत रविदास स्वरोजगार योजना का पता चला, तो उसने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कार्यालय नीमच जाकर स्टेशनरी की दुकान के लिए ऋण आवेदन प्रस्तुत किया। भेरूलाल को संत रविदास स्वरोजगार योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक शाखा सिंगोली से स्टेशनरी व्यवस्था के लिए एक लाख 60 हजार रूपये का ऋण मिला। इससे भेरूलाल ने स्टेशनरी की दुकान का कार्य प्रारंभ किया। उसका यह काम चल निकला और उसे प्रतिमाह 12 हजार रूपये की आमदनी होने लगी है। अब वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गया है। इस योजना से मिली मदद के लिए भेरूलाल, प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव को धन्यवाद दे रहा है। कि शासन की उक्त स्वरोजगार योजना की बदोलत उसे स्वंय का रोजगार मिल गया है और वह अपना और अपने परिवार का गुजर बसर अच्छे से कर पा रहा है।