मंदसौर - मध्य प्रदेश में अब सड़क पर घूमने वाले पशुओं को आवारा नहीं बोला जाएगा। सरकार ने सड़क पर घूमने वाले पशुओं को आवारा की जगह 'निराश्रित' संबोधित करने का फैसला किया गया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया की पहल पर मोहन यादव सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। मन्दसौर के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर जानकारी दी कि एमपी के सीएम मोहन यादव ने एक आदेश को संशोधित कराते हुए “आवारा की जगह अब निराश्रित मवेशी” करवा दिया है। इसके लिए पूर्व विधायक ने सीएम यादव का आभार व्यक्त किया है। अभी तक मवेशियों के लिए "आवारा" शब्द का इस्तेमाल होता आया है। पूर्व विधायक सिसोदिया ने कहा कि मवेशियों में गाय भी होती है और गौ माता को आवारा कहना उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि 18 अगस्त को उन्होंने 'x' पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में संशोधन का आग्रह किया था। विषय की गंभीरता को लेकर संवेदनशील सीएम ने आदेश को संशोधित कराते हुए आवारा की जगह निराश्रित मवेशी करवा दिया है। गांवों में गौशालाओं की तरह शहरों में बने गौ अभ्यारण पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंचायत स्तर पर गौशालाएं बनवाई है लेकिन शहरों में कांजी हाउस है, जबकि शहरों में सबसे ज्यादा गोवंश सड़को पर बैठे मिलते है। बारिश के दिनों में मवेशी सड़को पर ज्यादा मिलते है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। गांव में गौशालाओं की तरह शहरों में गौ अभ्यारण बनाया जाए। शहरों में कांजी हाउस होते है जो बहुत छोटी जगह में होते है। अगर शहरों में गौ अभ्यारण बन जाएंगे तो सड़को पर मवेशियों का जमावड़ा भी खत्म हो जाएगा।