नीमच - ज्ञानोदय इंटरनेशनल स्कूल में ट्रैफिक नियमों का पालन, साइबर अपराध और नशे के प्रति जागरूक करने के लिए सेमिनार लगाया गया। इसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को ट्रैफिक नियमों व साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूक किया गया। इस मौके पर मौजूद वैशाली सिंह (डीएसपी) ने संबोधित कर स्कूल के विद्यार्थियों को साइबर स्पेस के खतरों की जानकारी दी और उनसे बचने के लिए जागरूकता को मूल मंत्र बताया। साइबर क्राइम आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है। आज इसकी गिरफ्त से कोई भी अछूता नहीं है। ऐसे में आवश्यकता है, सजग और सतर्क रहने की। उन्होंने बताया कि आपकी आईडी के दुरुपयोग को रोका जा सकता है। अकाउंट्स को सुरक्षित रखना, फोटो का गलत इस्तेमाल होने से रोकना, आपके नाम से कोई गलत संदेश प्रेषित न करे, बच्चों को किसी भी तरह के गलत मैसेज के द्वारा ब्लैकमेल करने से बचाव का तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया व्यक्ति के जीवन को सुविधा-संपन्न तथा आरामदायक बनाने के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है परंतु दुःखद बात यह है कि यह मनुष्य को अपना गुलाम बना रहा है। साइबर अपराधी इसका भरपूर दुरुपयोग कर रहे हैं और लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर ठगों का शिकार होने से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि उनके द्वारा दिए गए लालच में बिल्कुल न फंसें। उन्होंने कहा कि घर के संस्कार इतने उत्तम हों कि बेटे-बेटियां परिवार के मुखिया की बात मानें, घर के सदस्य आपस में बातचीत करें, मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग में समय की बर्बादी से बचें। साइबर ठग सोशल मीडिया फेसबुक/इंस्टाग्राम/टेलीग्राम के माध्यम से आपकी फोटो डाउनलोड करके फेक आईएड़ी बनाकर लोगो से इमरजेंसी के नाम से पैसे मांगते है व साइबर ठगी करते है. ऐसे मे अपनी सभी प्रोफाइल को सेटिंग के माध्यम से प्रोफाइल लॉक लगा कर रखे. साइबर ठगी का पता लगने पर तुरंत उस आईडी को ब्लॉक करवाये. अपने ऑनलाइन खातों/लॉगिन पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का प्रयोग करें. अपने सिस्टम को हमेशा अप टू डेट रखें. पब्लिक वाई-फाई का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें तथा प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करें. साइबर ठगी पर पुलिस द्वारा लगाम लगाई जा रही है, तथा साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए पुलिस द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सूबेदार यातायात थाना धर्मेन्द्र गोर ने कहा कि हमें सही मायनों में ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए ताकि हम बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को कम कर सकें। इनमें से अधिकांश दुर्घटनाएं जागरूकता की कमी के बजाय नागरिकों की लापरवाही का सीधा नतीजा होती हैं। सुरक्षित जीवन जीने के लिए हमें विभिन्न सड़क चिह्नों के अर्थ और महत्व को समझना चाहिए और ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। समाज के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें अपने वाहनों को निर्धारित गति सीमा से अधिक नहीं चलाना चाहिए, सीट बेल्ट और हेलमेट पहनना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात, हमें अपने वाहन चलाने से पहले शराब नहीं पीनी चाहिए क्योंकि ऐसी लापरवाही से हम न केवल खुद को मारते हैं बल्कि निर्दोष लोगों को भी मारते हैं। राखी सेंगर (उप निरीक्षक महिला धाना) ने छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर गलत बर्दाश्त न करें। जैसे ही महसूस हो कि गलत होने वाला है, विरोध दर्ज कराएं। पुलिस को सूचना दें। गलत करने वालों का शुरू में प्रतिकार करें। इससे उसका मनोबल नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं व बच्चों को लेकर पुलिस बहुत ही संवेदनशील है। कानून में इन अपराधों को लेकर कठोर नियम व सजा का प्रावधान है, इसलिए अपने भविष्य को सुरक्षित रखते हुए इनसे बचें व अन्य लोगों को भी इस प्रकार के अपराधों से बचाएं। पुलिस सदैव सुरक्षा के लिए तत्पर है, इसलिए किसी भी प्रकार के अपराध की सूचना पुलिस को बिना किसी देरी व बिना किसी झिझक के अवश्य दें। समाज सुरक्षा में पुलिस का योगदान दें। अपराधों को लेकर सदैव सतर्क रहें। किसी भी प्रकार के लोभ व लालच में न आएं। बैड टच, गुड टच व सेल्फ डिफेंस के बारे में भी जानकारी दी गई। किसी भी प्रकार के अपराध की सूचना तुरंत पुलिस को 100 (पुलिस कंट्रोल रूम) व 112/1091 (महिला हेल्पलाइन) एवं 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन) सहित अन्य माध्यमों से जरूर दें। संस्था की निर्देशिका डॉ. गरिमा चौरसिया एवं प्राचार्य प्रदीप कुमार ने कार्यक्रम की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया। कार्यक्रम का आभार ऋषभ नाहटा ने व्यक्त किया l