नीमच - स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेडक्रॉस हॉल में आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी. प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. महेंद्र पाटिल और डॉ. संगीता भारती उपस्थित थे । डॉ. प्रसाद ने कहा, कि आत्महत्या न केवल इसे करने वाले व्यक्ति को बल्कि परिवार के सदस्यों को भी प्रभावित करती है, यदि कोई निराशा महसूस करते हैं, तो उन्हें मदद मांगनी चाहिए। डॉ. पाटिल ने जिला अस्पताल में मनोचिकित्सा ओपीडी में आसानी से उपलब्ध सहायता और हेल्पलाइन नंबर. टेलीमानस. 14416/ 1800.891.4416 के बारे में जानकारी दी। आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम ‘’आत्महत्या के विषय में बात करने का तरीका बदलें’’ विषय पर कॉलेज के छात्रों के लिए एक पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई । सेमिनार में आत्महत्या रोकथाम और जागरूकता की जानकारी दी मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.स्वाति वाधवा ने आत्महत्या के चेतावनी संकेतों के बारे में बताया कि, कैसे लोगों को आत्महत्या से बचाया जा सकता हैं। उन्होंने हेल्पलाइन टेलीमानस और मनहित ऐप के बारे में भी बताया। डॉ. वाधवा ने मीडिया से अपील की हेल्पलाइन और मनहित ऐप के बारे में और जिला अस्पताल में मनोरोग ओपीडी मन कक्ष के बारे में भी प्रचार-प्रसार कर, सहयोग करे। डॉ. स्वाति वाधवा ने बताया, कि एक गेटकीपर कार्यक्रम भी शुरू हो रहा है, जिसमें स्कूल, कॉलेज और समाज के कुछ लोगों को गेटकीपर के रूप में चुना जाएगा और प्रशिक्षित किया जाएगा,ताकि आत्महत्या के जोखिम वाले व्यक्ति की पहचान की जा सके, और उन्हें समुचित मार्गदर्शन और उचित उपचार के लिए मन कक्ष/मनोचिकित्सक के पास भेज सकें। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गये। कार्यक्रम में डॉ. विजय भारती, डॉ. कृष्णकांत, डॉ. भानुप्रताप, डॉ.प्रियंका, डॉ. रोशनिका भी मौजूद थी