उज्जैन - मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रविवार को मक्सी रोड स्थित सांची दुग्ध संघ के अधिकारियों व कर्मचारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को बोनस दिया जाएगा। दूध की क्षमता बढऩे के बाद सहकारी दुग्ध संघ में संसाधन बढ़ाकर मजबूत किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने दुग्ध संघ के कर्मचारियों से चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में हम दूध उत्पादन का आंकड़ा देखें तो मप्र का तीसरा नंबर है, लेकिन मात्रा देखेंगे तो देश में 9 प्रतिशत है। भौगोलिक रूप से भी मप्र राजस्थान के बाद दूसरे नंबर पर है। वहीं राजस्थान की दूध उत्पादन क्षमता हमारी क्षमता से डबल है। दूध उत्पादन के लिए बड़ा सेक्टर सहकारिता का है। मप्र में तीन-चार दुग्ध संघ को छोड़ दो तो पूरा प्रदेश खाली पड़ा है। ऐसे में हमने लक्ष्य तय किया है कि नेशनल डेयरी बोर्ड के माध्यम से हमारे दुग्ध संघ को जोड़कर किसानों को दूध पर बोनस देगें। इससे दूध अधिक मात्रा में आएगा जिसे खपाने के लिए दुग्ध संघ की क्षमता बढ़ाने के साथ ही नए संसाधनों के लिए सरकार मदद करेगी। नेशनल डेयरी बोर्ड से जोड़कर हम भी आगे बढऩे का प्रयास कर रहे है। इसके लिए सरकार ने दो शर्त रखी है पहली हमारे साथ काम करने वाले कोई भी अधिकारी व कर्मचारी या आउटसोर्स कर्मचारी बाहर काम नही करेगा। जो रहेंगे वे अंदर ही काम करेंगे। और चार आदमी काम पर रखे जा सकेंगे, लेकिन किसी को निकाला नही जाएगा। दूसरी शर्त है कि हमारे अपने दुग्ध संघ की जो क्षमता है उसे डबल किया जाए। कार्यक्रम में दुग्ध संघ के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध सहकारी संघ को मजबूत बनाने के साथ-साथ किसानों के लिए जितनी भी राशि चाहिए वह दी जाएगी। धरातल स्तर तक दुग्ध सहकारी संघ की भूमिका को प्रभावी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन दुग्ध संघ मेरा अपना परिवार है। वर्तमान में उज्जैन दुग्ध संघ की ढाई लाख टन क्षमता में वृद्धि कर 10 लाख टन तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके प्रॉफिट को भी बढ़ाकर 100 करोड रुपए तक ले जाना है। इसके साथ ही कर्मचारी हितों को भी पूरा खयाल रखा जाएगा।