नीमच। शासन के तबादला आदेश पर हाईकोर्ट से स्टे लेकर बैठी सीएमओ गरिमा पाटीदार को सीएमओ की कुर्सी से हटाने के लिए नपा में विशेष सम्मेलन लाने की तैयारी चल रही है।
खास बात यह है कि विशेष सम्मेलन के पत्र पर कुछ पार्षदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जबकि कुछ हिचक रहे हैं हालात यह है कि कुछ सभापति और उनके प्रतिनिधि नपा में मिले अपने विभाग पर तो ध्यान नहीं दे रहे, पर विशेष सम्मेलन के पत्र पर साइन कराने पार्षदों के पीछे घूम रहे हैं।
नगरपालिका में एक पद और दो सीएमओ का मामला गर्माता जा रहा है।शासन ने वर्तमान में पदस्थ सीएमओ का तबादला अन्यत्र नहीं किया और सतना नगर निगम में उपायुक्त रहे एपीएस गहरवाल को नीमच भेज दिया था। शासन के इस आदेश के खिलाफ वर्तमान सीएमओ ने हाईकोर्ट की शरण ली थी, जिस पर न्यायालय ने उन्हें स्थगन आदेश भी दिया था।
अब नपा में एक पद और दो सीएमओ हो गए हैं। भाजपा के कई पार्षद चाहते हैं कि सतना से आए गहरवाल सीएमओ की कुर्सी संभाले, जबकि कुछ स्थगन आदेश को लेकर स्टैंड हैं।
हालांकि वर्तमान सीएमओ को हटाने परिषद में विशेष सम्मेलन लाने की तैयारी चल रही है,जिसके लिए सिर्फ 14 पार्षदों के हस्ताक्षर की जरूरत हैं, लेकिन जो लोग विशेष सम्मेलन बुलवाना चाहते हैं, उनकी मंशा है कि वे अधिक से अधिक भाजपा पार्षदों के हस्ताक्षर विशेष सम्मेलन के पत्र पर कराएं, इसके लिए कुछ नपा सभापति और कुछ सभापति के प्रतिनिधियों को इस कार्रवाई में लगा दिया गया है। इसके अलावा पार्षदों को सीधे फोन भी लगाया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि एक पार्षद ने हस्ताक्षर करने मना करते हुए यह तक कह दिया है कि इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष से विहिप जारी करा दो मैं तत्काल साइन कर दूंगा। जबकि एक पार्षद तो यह कहते हुए चक्कर कटवा रहा है कि मेरी सील गुम हो गई है, जिसे ढूंढने में लगा हुआ हूं। अब सवाल यह है कि सभापति अपने विभाग को संभालने के बजाए पार्षदों से हस्ताक्षर कराने में जुटे हुए हैं।
आखिर ऐसा क्यों, नए सीएमओ से ऐसे कौन से काम कराने हैं,जो वर्तमान सीएमओ नहीं कर रही है या करना नहीं चाहती है।